नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल की 23 साल की युवती की मौत की जांच से एक सनसनीखेज ट्रैफिकिंग रैकेट का खुलासा हुआ है। युवती का शव आरआएमएल हॉस्पिटल में पाया गया था। मामले की प्रमुख आरोपी मिरियम को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में पता चला कि मिरियम तस्करी कर लाई गई लड़कियों को काम पर लगाने के लिए पूर्व सैन्य अधिकारियों और दूसरे अफसरों से संपर्क करती थी। इसके बदले में वह उनसे अच्छा-खासा पैसा वसूलती थी। पुलिस को उसके बैंक अकाउंट में हुए भारी-भरकम ट्रांजैक्शन्स की जानकारी मिली है। मिरियम और उसके साथी उत्तरी बंगाल की आदिवासी लड़कियों से दोस्ती करते थे और नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें दिल्ली ले आया करते थे।
उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसियों से टाइअप कर रखा था। इन लड़कियों को करोल बाग, सिविल लाइन्स और मुखर्जी नगर में काम करने के लिए रखा जाता है। मिरियम इन लड़कियों की रिश्तेदार होने का नाटक करके उनकी सैलरी अपने बैंक अकाउंट में मंगवा लेती थी। सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर लड़कियां इसलिए विरोध नहीं कर पाती थीं क्योंकि वे सिर्फ स्थानीय भाषा बोलती थीं और उन्हें भागने पर खामियाजा भुगतने की धमकी दी जाती थी। इतना ही नहीं, मिरियम कई लड़कियों को यह भरोसा दिला देती थी कि वह उनकी सैलरी उनके परिवार को भेज देती है।
सेना के जिस अधिकारी ने पीड़िता को काम पर रखा था, उसने कैश में सैलरी देने पर जोर दिया क्योंकि उसे गड़बड़ी का शक हो गया था। फिर भी मिरियम किसी तरह लड़की को धमकाने में कामयाब रही और उससे अपने अकाउंट में एक लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा। बाद में वह उसे शादी कराने के झांसे से दूर ले गई और मुखर्जी नगर के एक घर में काम पर लगा दिया। वहां उसे ठीक से काम न करने की बात कहकर पीटा जाता था।
मिरियम और प्लेसमेंट एजेंसी के ओनर को तस्करी के आरोपों के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया । लड़की का शव ऐम्स में रखा हुआ है और शनिवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। शक्तिवाहिनी एनजीओ के ऋषि कान्त ने कहा,'हमने ऐम्स से कहा है कि वे पोस्टमॉर्टम और बाकी औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर दें ताकि हम लड़की के परिवार को बॉडी सौंप सकें।'
Read this story in English: How woman trafficked girls, siphoned their wages
पश्चिम बंगाल की 23 साल की युवती की मौत की जांच से एक सनसनीखेज ट्रैफिकिंग रैकेट का खुलासा हुआ है। युवती का शव आरआएमएल हॉस्पिटल में पाया गया था। मामले की प्रमुख आरोपी मिरियम को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में पता चला कि मिरियम तस्करी कर लाई गई लड़कियों को काम पर लगाने के लिए पूर्व सैन्य अधिकारियों और दूसरे अफसरों से संपर्क करती थी। इसके बदले में वह उनसे अच्छा-खासा पैसा वसूलती थी। पुलिस को उसके बैंक अकाउंट में हुए भारी-भरकम ट्रांजैक्शन्स की जानकारी मिली है। मिरियम और उसके साथी उत्तरी बंगाल की आदिवासी लड़कियों से दोस्ती करते थे और नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें दिल्ली ले आया करते थे।
उन्होंने प्लेसमेंट एजेंसियों से टाइअप कर रखा था। इन लड़कियों को करोल बाग, सिविल लाइन्स और मुखर्जी नगर में काम करने के लिए रखा जाता है। मिरियम इन लड़कियों की रिश्तेदार होने का नाटक करके उनकी सैलरी अपने बैंक अकाउंट में मंगवा लेती थी। सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर लड़कियां इसलिए विरोध नहीं कर पाती थीं क्योंकि वे सिर्फ स्थानीय भाषा बोलती थीं और उन्हें भागने पर खामियाजा भुगतने की धमकी दी जाती थी। इतना ही नहीं, मिरियम कई लड़कियों को यह भरोसा दिला देती थी कि वह उनकी सैलरी उनके परिवार को भेज देती है।
सेना के जिस अधिकारी ने पीड़िता को काम पर रखा था, उसने कैश में सैलरी देने पर जोर दिया क्योंकि उसे गड़बड़ी का शक हो गया था। फिर भी मिरियम किसी तरह लड़की को धमकाने में कामयाब रही और उससे अपने अकाउंट में एक लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा। बाद में वह उसे शादी कराने के झांसे से दूर ले गई और मुखर्जी नगर के एक घर में काम पर लगा दिया। वहां उसे ठीक से काम न करने की बात कहकर पीटा जाता था।
मिरियम और प्लेसमेंट एजेंसी के ओनर को तस्करी के आरोपों के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया । लड़की का शव ऐम्स में रखा हुआ है और शनिवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। शक्तिवाहिनी एनजीओ के ऋषि कान्त ने कहा,'हमने ऐम्स से कहा है कि वे पोस्टमॉर्टम और बाकी औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर दें ताकि हम लड़की के परिवार को बॉडी सौंप सकें।'
Read this story in English: How woman trafficked girls, siphoned their wages
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Read more: मोटी कमाई करने वाले रैकेट का खुलासा