Friday, December 16, 2016

वायु प्रदूषण: NGT ने केंद्र-दिल्ली सरकार को फटकारा

नई दिल्ली
नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने वायु प्रदूषण पर लगाम कसने के मामले पर शुक्रवार को दिल्ली सरकार और केंद्र दोनों को ही फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा, 'आपने प्रदूषण को काबू करने के लिए एक भी कदम उठाया है?' कोर्ट ने कहा, 'कृपया यह बताएं कि आपने धूल, कचड़ा जलाए जाने और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं से निपटने के लिए क्या किया? आपका (नागरिक सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों का) 50 फीसदी स्टाफ वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किस वक्त सड़कों पर था?'

सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने चार मानकों पर आधारित हवा की क्वॉलिटी से जुड़े आंकड़े कोर्ट में दाखिल किए थे। ये आंकड़े 7 से 14 दिसंबर के बीच इसके छह केंद्रों से जुटाए गए थे। वहीं, दिल्ली पल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) ने भी आठ मानकों के आधार पर अपने आंकड़े गुरुवार को दाखिल किए थे। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुआई वाली बेंच ने पूछा, 'डेटा में इतना फर्क क्यों है? क्या आपने इन इलाकों में प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों का अध्ययन किया?'

वकीलों ने कोर्ट को जानकारी दी कि प्रदूषण पर नजर रखने वाले केंद्र आठ अलग-अलग जगहों पर हैं। इसी वजह से प्रदूषण के स्तर में फर्क है। वहीं, बेंच ने डीपीसीसी और सीपीसीबी, दोनों को ही आदेश दिया कि हर दिन के आंकड़े दें लेकिन उन्हें चार हिस्सों में बांट दे ताकि पूरे दिन के प्रदूषण के ट्रेंड को समझा जा सके।

इस बीच, दिल्ली के एलजी ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण के मामले पर एक समीक्षा बैठक रखी। इस दौरान उन्होंने परिवहन विभाग से कहा कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए डीटीसी बसों का किराया घटाने पर विचार करे। एलजी की राय थी कि ऐसा कम से कम अगले छह महीने के लिए हो। वहीं, परिवहन मंत्री ने इस बात का आश्वासन दिया कि बसों का किराया घटाने के लिए वाजिब कदम उठाए जाएंगे।

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