Tuesday, December 27, 2016

यूं शहर में हरियाली बढ़ाएगी दिल्ली सरकार

विशेष संवाददाता
हरियाली बढ़ाने और लोगों को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दिल्ली सरकार ने राजधानी के विभिन्न इलाकों में 20 सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की कवायद में जुट गई है। इनमें से कुछ फॉरेस्ट दिल्ली सरकार अपनी जमीन पर विकसित करेगी और कुछ के लिए डीडीए से जमीन मांगेगी। इसके लिए जल्द ही पहल की जा रही है। सरकार का मानना है कि इस प्रयास से राजधानी के वन क्षेत्र में भी इजाफा होगा और प्रदूषण का स्तर तो सुधरेगा ही।

मिली जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्ली करीब 1484 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है। इनमें से करीब 300 किलोमीटर का क्षेत्र वन और हरियाली से भरपूर है। यह राजधानी के भूगोल का लगभग 20 प्रतिशत है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार दिल्ली के 11.91 प्रतिशत भाग पर वन क्षेत्र है और 6.76 वर्ग किमी क्षेत्र में घना जंगल है। 49.84 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मध्यम दर्जे का जंगल और 119.98 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खुले वन हैं। सबसे अधिक वन क्षेत्र नई दिल्ली जिले में भू क्षेत्र का 46.60 प्रतिशत है, जबकि दक्षिण दिल्ली में 41.46 प्रतिशत और दक्षिण पश्चिम दिल्ली में वन क्षेत्र 10.08 प्रतिशत है। दिल्ली सरकार के अनुसार वर्ष 2005 में राजधानी का कुल वन क्षेत्र 283 किलोमीटर था। अब पिछले कुछ सालों में इसमें 17 किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है।

वन व वन्य विभाग के अनुसार फिलहाल बढ़ोतरी में खास इजाफा नहीं हो रहा है, जिसे बढ़ाने के लिए अब दिल्ली सरकार ने प्रभावी कदम उठाने का निर्णय लिया है।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के अनुसार राजधानी में विभिन्न कारणों से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है, जो दिल्ली वालों के लिए गंभीर संकेत है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अब दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 20 सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए अफसरों को ब्लू प्रिंट तैयार करने को कह दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि इनमें से कुछ सिटी फॉरेस्ट ग्राम सभाओं और पीडब्ल्यूडी की जमीन को मिलाकर विकसित किए जाएंगे। जबकि बाकी के लिए डीडीए से जमीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि चूंकि दिल्ली सरकार के पास जमीन का अधिकार नहीं है, इसलिए हमें डीडीए से ही जमीन मांगी होगी। हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली की हरियाली बढ़ाने और लोगों को प्रदूषण से मुक्ति के लिए डीडीए इस काम में हमारी मदद करेगा।

वैसे पर्यावरण मंत्री का कहना है कि कई मामलों में डीडीए सीधे तौर पर दिल्ली सरकार की मदद को आगे नहीं आ रहा है। इसके चलते हम केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय से मदद की गुजारिश करेंगे। उसका कारण है कि दिल्ली के पर्यावरण को सुधारने के लिए केंद्र सरकार भी गंभीरता दिखाती रही है। उनका यह भी आरोप है कि दिल्ली के पर्यावरण को लेकर तीनों एमसीडी भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिस कारण प्रदूषण को कंट्रोल करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एमसीडी ने अभी तक कूड़ा प्रबंधन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है और उसके सैनिटरी लैंडफिल में जब-तब आग लगती रहती है, जिससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक चला जाता है। उम्मीद है कि सिटी फॉरेस्ट विकसित होने से सभी को लाभ मिलेगा।

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