Wednesday, December 28, 2016

ऐसे जोक्स वीरता का अपमान हैं: एसजीपीसी

धनंजय महापात्रा, नई दिल्ली

सिक्ख धर्म की सर्वोच्छ मानी जताने वाली धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि सरदारों पर बने '12 बजे' संबंधी जोक्स पर रोक लगाई जानी चाहिए। क्योंकि सिक्खों का 12 बजे से संबंध उस धर्म के पूर्वजों की बहादुरी से है।

एसजीपीसी ने इतिहास से जुड़े तथ्य कोर्ट के सामने पेश करते हुए कहा है कि 12 बजे का संबंध सिक्खों की बहादुरी से है, जिस वक्त मुस्लिम आक्रमणकारी हमारे देश पर हमला किया करते थे और यहां से धन-संपदा के साथ ही हिंदू महिलाओं को उठाकर ले जाते थे, उस वक्त सिक्खों ने बहादुरी से उनका मुकाबला किया। एसजीपीसी ने आगे बताया कि क्योंकि सिक्ख मुस्लिमों से कम संख्या मे में होते थे इसलिए उन्होंने सूझबूझ के आधार पर रात 12 बजे मुस्लिम आक्रमणकारियों के ढेरों पर हमला कर हिंदू महिलाओं को उनकी कैद से आजाद कराते थे।

एसजीपीसी के अनुसार 12 बजे का लिंक ब्रिटिश काल से भी जुड़ा है। जब देश पर अंग्रेजों का शासन था, उस वक्त अंग्रेज कलकत्ता के टाइम के अनुसार 12 बजे तोप के गोले दागा करते थे। जबकि सिक्ख पंजाब के समय के अनुसार 12 बजे हमला किया करते थे। बदलते वक्त के साथ पब्लिक में गलत मेसेज गया और उन्होंने पहले हमले को दूसरे हमले के साथ जोड़ लिया। दोनों विश्व युद्धों के दौरान भी सिक्खों की बहादुरी से भरे रिकॉर्ड के साथ ही एसजीपीसी की तरफ से एफिडेविट दाखिल करने वाले ऐडवोकेट कुलदीप गुलाटी का कहना है 'मुगल और अफगान आक्रमणकारियों के उस दौर में सिक्खों द्वारा दिखाई गई बहदुरी, साहस और निर्भयता से देश का मान बचा। यह बहुत ही दुख की बात है बदलते वक्त के साथ हमारे समाज में उनके इस त्याग और शौर्य का मजाक चुटकुलों के रूप में उड़ना शुरू हो गया।'

एसजीपीसी ने दायर याचिका में सर्वोच्छ न्यायालय से प्रार्थना की है कि इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री को जारी गाइडलाइन में सिक्खों पर बने जोक्स को बैन किया जाए।

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