Monday, December 26, 2016

'चिप' के डर से चोरों ने खर्च नहीं किए नोट

नई दिल्ली

फिल्मी स्टाइल में तीन युवकों ने एटीएम कैश वैन को लूटा और सारे सबूत मिटाकर अगले दिन हरिद्वार भी चले गए। लेकिन नोटो में जीपीएस चिप होने के डर से वह पैसे खर्च नहीं कर सके और दिल्ली लौटने पर धरे गए।

दिसंबर की 19 तारीख को पांडव नगर में एटीएम वैन से लूटी गई 9.5 लाख की रकम पुलिस ने जब्त कर ली है। घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी बिट्टू (29), रोहित नागर(19) और सनी शर्मा (22) युवक पुलिस हिरासत में हैं। सूत्रों के अनुसार, इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड बिट्टू है। जिसने वारदात का प्लॉट तैयार कर इसे अंजाम देने के लिए रोहित और सनी को अपने साथ लिया। घटना को अंजाम देने के लिए इन तीनों ने मिलकर सिविल लाइन्स से मोटरसाइकिल चुराई। बिट्टू ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर करावल नगर में मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट बदलवाई।

वारदात से पहले इन तीनों ने लगातार कई दिनों तक अलग-अलग जगहों पर एटीएम में कैश डालने वाली गाड़ियों की स्टडी की। स्टार्टिंग पॉइंट से लेकर एटीएम पहुंचने तक कितने गार्ड वैन के साथ होते हैं, कैश डालते वक्त गाड़ी कहां और कितनी देर पार्क होती है। उस वक्त गार्ड की पोजिशन क्या होती है, जैसी बातों की पूरी जानकारी जुटाकर इन्होंने अपने मकसद को पूरा करने के लिए सेफ साइड खोजी।

वरदात को अंजाम देने से पहले 19 तारीक को भी इन्होंने पूरे दिन वैन का पीछा किया और तीन बार लूट का प्रयास किया। शकरपुर, लक्ष्मीनगर और निर्माण विहार क्षेत्र में भीड़ अधिक होने के कारण आरोपी लूट में नाकाम रहे। प्रताप गंज क्रॉसिंग पर अपने मुनासिब माहौल पाकर इन्होंने देसी तमंचे की नोक पर घटना को अंजाम दिया और रकम लेकर यमुना पुश्ता गए। वहां खाली बैग और बाइक छोड़कर दो बार ऑटो बदलकर तीनो आरोपी घर पहुंचे। एक दिन बाद तीनों हरिद्वार के लिए निकल गए। हरिद्वार पहुंचने के बाद टीवी चैनल्स पर इन्होंने नए नोटो में जीपीएस चिप की खबर सुनी तो पकड़े जाने के डर से इन्होंने पैसों का इस्तेमाल नहीं किया और दिल्ली वापस आ गए।

डीसीपी साथिया सुंदरम अपनी टीम के साथ लुटेरों की खोज में थे। जिसके तहत दिल्ली, हरियाणा और यूपी से लगातार इनपुट्स लिए जा रहे थे। डीसीपी (ईस्ट) ओमवीर सिंह ने बताया कि प्लान के तहत एक मॉल के बाहर से चोरी की गाड़ी में तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया।

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