नई दिल्ली
दिल्ली में बुधवार को बढ़ते पल्यूशन से कुछ राहत दिखी। इस सीजन में पहली बार पल्यूशन लेवल नॉर्मल के करीब दर्ज हुआ। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि मौसम की बदलती परिस्थितियों के कारण पल्यूशन कम हुआ है। अगले दो दिनों तक पल्यूशन लेवल के खतरनाक कैटिगरी के जाने के कम चांस हैं। बुधवार को तेज रफ्तार से कई जगहों पर हवाएं चलीं। जिसके कारण पल्यूशन लेवल नॉर्मल के पास जा पहुंचा। दोपहर में अच्छी धूप भी निकली। जिसके कारण हवा में मौजूद प्रदूषित कण आगे मूव हो गए और एनवायरनमेंट में खतरनाक कैटिगरी तक पल्यूशन लेवल दर्ज नहीं हुआ।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि दिल्ली में पल्यूशन की स्थिति सबसे ज्यादा मौसम के फैक्टर्स पर निर्भर करती है। जो पल्यूशन को खतरनाक कैटिगरी में ले जाने के साथ-साथ इसे नॉर्मल लेवल के पास भी ले आते हैं। बुधवार को मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज के प्रोजेक्ट सफर में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल नॉर्मल के पास दर्ज हुआ। पीएम 2.5 का एवरेज लेवल 92 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) दर्ज हुआ। यह दिसंबर में इस सीजन में 24 घंटे के दौरान अब तक सबसे कम पल्यूशन लेवल है। पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है। वहीं पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का स्तर 203 एमजीसीएम रहा। यह भी दिसंबर में बाकी दिनों की तुलना में नॉर्मल से कम रहा। पीएम 10 का नॉर्मल लेवल 100 एमजीसीएम है।
पिछले एक से दो हफ्ते से पीएम 10 का स्तर 240 से ज्यादा दर्ज हो रहा था। लेकिन बुधवार को 15 किमी से भी तेज रफ्तार से कुछ जगहों पर हवाएं चलीं। साथ ही धूप भी निकली। इन सब कारणों से प्रदूषित कणों पर असर पड़ा। अभी दिल्ली में न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से ज्यादा दर्ज हो रहा है। न्यूनतम तापमान के 7 डिग्री से नीचे जाते ही पल्यूशन पर असर पड़ता है। जिसके कारण एनवायरनमेंट में मौजूद प्रदूषित कण ऊपर आसमान में मूव नहीं हो पाते हैं और एक जगह पर ठहर जाते हैं। इसलिए बीते कुछ दिनों से प्रदूषित कणों का स्तर नॉर्मल से ज्यादा दर्ज हो रहा था क्योंकि न्यूनतम तापमान भी नॉर्मल से कम दर्ज हो रहा था।
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