नई दिल्ली
जेएनयू से रहस्यमय तरीके से लापता हुए छात्र नजीब का अब तक पता नहीं चल पाया है। पिछले दो दिनों से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी कैंपस में सघन तलाशी अभियान चलाया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अब क्राइम ब्रांच नजीब के रूममेट कासिम का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने जा रही है। इस बाबत पिछले सप्ताह ही अदालत से इजाजत ले ली गई है।
पुलिस के अनुसार, पिछले दो दिनों से हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्राइम ब्रांच, साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के लगभग 600 कर्मी जेएनयू के चप्पे चप्पे की तलाशी ले चुके हैं। इस दौरान घुड़सवार पुलिस के अलावा खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया गया लेकिन नजीब या उससे जुड़े किसी भी तथ्य का सुराग हाथ नहीं लग पाया। पुलिस के मुताबिक, कासिम का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की जरूरत है।
क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर रविंद्र यादव ने बताया कि अदालत ने इस संबंध में क्राइम ब्रांच को अनुमति दे दी थी। इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेता ने यह संदेह जताया था कि जेएनयू छात्र संघ की साजिश के तहत ही नजीब अपनी मर्जी से कहीं गया है। इसके लिए जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों व नजीब के सहपाठियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाना चाहिए।
'सर्च ऑपरेशन दिखावा'
सोमवार व मंगलवार को चलाए गए सर्च ऑपरेशन को नजीब के भाई मुजीब ने दिखावा भर बताया है। मुजीब का कहना है कि नजीब 15 अक्टूबर से लापता है लेकिन पुलिस ने शुरुआत से ही इस मामले का गंभीरता से नहीं लिया। नजीब के साथ एबीवीपी से जुड़े एक छात्र ने मारपीट की थी लेकिन पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ नहीं की। पुलिस ने शुरू से ही नजीब के दोस्तों पर संदेह जताया है। उनका कहना है कि दो दिन से चलाया गया तलाशी अभियान सिर्फ हाई कोर्ट को दिखाने के लिए किया गया है।
जेएनयू से रहस्यमय तरीके से लापता हुए छात्र नजीब का अब तक पता नहीं चल पाया है। पिछले दो दिनों से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी कैंपस में सघन तलाशी अभियान चलाया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अब क्राइम ब्रांच नजीब के रूममेट कासिम का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने जा रही है। इस बाबत पिछले सप्ताह ही अदालत से इजाजत ले ली गई है।
पुलिस के अनुसार, पिछले दो दिनों से हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्राइम ब्रांच, साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के लगभग 600 कर्मी जेएनयू के चप्पे चप्पे की तलाशी ले चुके हैं। इस दौरान घुड़सवार पुलिस के अलावा खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया गया लेकिन नजीब या उससे जुड़े किसी भी तथ्य का सुराग हाथ नहीं लग पाया। पुलिस के मुताबिक, कासिम का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की जरूरत है।
क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर रविंद्र यादव ने बताया कि अदालत ने इस संबंध में क्राइम ब्रांच को अनुमति दे दी थी। इससे पहले एबीवीपी के छात्र नेता ने यह संदेह जताया था कि जेएनयू छात्र संघ की साजिश के तहत ही नजीब अपनी मर्जी से कहीं गया है। इसके लिए जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों व नजीब के सहपाठियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराया जाना चाहिए।
'सर्च ऑपरेशन दिखावा'
सोमवार व मंगलवार को चलाए गए सर्च ऑपरेशन को नजीब के भाई मुजीब ने दिखावा भर बताया है। मुजीब का कहना है कि नजीब 15 अक्टूबर से लापता है लेकिन पुलिस ने शुरुआत से ही इस मामले का गंभीरता से नहीं लिया। नजीब के साथ एबीवीपी से जुड़े एक छात्र ने मारपीट की थी लेकिन पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ नहीं की। पुलिस ने शुरू से ही नजीब के दोस्तों पर संदेह जताया है। उनका कहना है कि दो दिन से चलाया गया तलाशी अभियान सिर्फ हाई कोर्ट को दिखाने के लिए किया गया है।
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Read more: नजीब के रूममेट का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट