नई दिल्ली
जामा मस्जिद इलाके में हर साल लगने वाला गर्म कपड़ों का तिब्बती मार्केट बीती रात आग से तबाह हो गया। वहां टेंपररी शेड्स के नीचे लगभग 150 दुकानें बनी थीं, जो पूरी तरह खाक हो गईं। हरेक दुकान में लगभग चार-पांच लाख रुपये का माल भरा था। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
तिब्बती मार्केट मीना बाजार के सामने हर साल सर्दियों के चार महीने के लिए लगता है, जहां जम्मू, डलहौजी, श्रीनगर, धर्मशाला और हिमाचल के विभिन्न जिलों के व्यापारी हर साल गर्म कपड़ों का व्यापार करने आते हैं। ये लोग लुधियाना से माल लाकर बेचते थे। व्यापारियों का कहना है कि वह आग से बर्बाद हो गए हैं। ज्यादातर व्यवसायी लुधियाना से उधार पर माल लाए थे, लेकिन सारा माल जल गया। इससे उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है।
चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने टवीट् करके आग के लिए एमसीडी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि एमसीडी ने आठ लाख रुपये में जगह दी, लेकिन सुरक्षा नहीं। दिल्ली फायर सर्विस को आग की सूचना रात 1:10 पर मिली। हवा चलने की वजह से आग तेजी से फैली। टेंपररी शेड्स में वूलन का माल भरा था। लपटों को काबू करने में सुबह के 4 बज गए। तब तक सब कुछ स्वाह हो चुका था। सुबह तक कूलिंग का काम चल रहा था।
मार्केट के प्रधान करतेन त्सेरिंग ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि दूर राज्यों से व्यापारी बिजनेस करने आए थे, लेकिन आग ने सब कुछ तबाह कर दिया। दिल्ली में चार महीने के व्यापार से व्यवसायियों का साल भर का गुजारा चलता है।
जामा मस्जिद इलाके में हर साल लगने वाला गर्म कपड़ों का तिब्बती मार्केट बीती रात आग से तबाह हो गया। वहां टेंपररी शेड्स के नीचे लगभग 150 दुकानें बनी थीं, जो पूरी तरह खाक हो गईं। हरेक दुकान में लगभग चार-पांच लाख रुपये का माल भरा था। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
तिब्बती मार्केट मीना बाजार के सामने हर साल सर्दियों के चार महीने के लिए लगता है, जहां जम्मू, डलहौजी, श्रीनगर, धर्मशाला और हिमाचल के विभिन्न जिलों के व्यापारी हर साल गर्म कपड़ों का व्यापार करने आते हैं। ये लोग लुधियाना से माल लाकर बेचते थे। व्यापारियों का कहना है कि वह आग से बर्बाद हो गए हैं। ज्यादातर व्यवसायी लुधियाना से उधार पर माल लाए थे, लेकिन सारा माल जल गया। इससे उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है।
चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा ने टवीट् करके आग के लिए एमसीडी की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि एमसीडी ने आठ लाख रुपये में जगह दी, लेकिन सुरक्षा नहीं। दिल्ली फायर सर्विस को आग की सूचना रात 1:10 पर मिली। हवा चलने की वजह से आग तेजी से फैली। टेंपररी शेड्स में वूलन का माल भरा था। लपटों को काबू करने में सुबह के 4 बज गए। तब तक सब कुछ स्वाह हो चुका था। सुबह तक कूलिंग का काम चल रहा था।
मार्केट के प्रधान करतेन त्सेरिंग ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि दूर राज्यों से व्यापारी बिजनेस करने आए थे, लेकिन आग ने सब कुछ तबाह कर दिया। दिल्ली में चार महीने के व्यापार से व्यवसायियों का साल भर का गुजारा चलता है।
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