Thursday, October 6, 2016

HRD मिनिस्ट्री के आयोग ने इरानी, बंडारू को दी क्लीनचिट

नई दिल्ली

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला की मौत के बाद एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से गठित किए गए जस्टिस रूपनवाल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में वेमुला के दलित होने को लेकर संदेह जताया है और कहा है उसने व्यक्तिगत कारणों से आत्महत्या की थी।

सूत्रों ने बताया कि कमीशन ने एचआरडी मिनिस्ट्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और बंडारू दत्तात्रेय को क्लीन चिट दी है। वेमुला की मृत्यु के संबंध में यूनिवर्सिटी के प्रशासन को भी निर्दोष बताया गया है। कमीशन ने कहा कि प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम नहीं कर रहा था। कमीशन ने दलित के तौर पर वेमुला की जाति के दर्जे को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कमीशन का कहना है कि उनकी मां वी राधिका के 'माला' समुदाय से संबंधित होने का कोई प्रमाण नहीं है।

कमीशन ने कहा है कि इस बात की संभावना है कि वेमुला की मां ने वेमुला को जारी किए गए जाति प्रमाणपत्र के लिए यह बयान दिया होगा कि वह 'माला' समुदाय से हैं। कमीशन का कहना है कि वेमुला की मां को उनके दत्तक परिवार ने उनके वास्तविक माता-पिता के नाम नहीं बताए थे। इस वजह से इस बात संभावना कम है कि उन्हें उनके वास्तविक माता-पिता की जाति बताई गई होगी।

हालांकि, एचआरडी मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने बताया कि वेमुला की जाति के दर्जे का पता लगाना कमीशन को दी गई जिम्मेदारी में शामिल नहीं था। इस वजह से वे केवल उन सिफारिशों पर विचार करेंगे जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

कमीशन ने अपनी सिफारिश में कहा है कि छात्रों के साथ ही रिसर्च करने वालों के लिए भी काउंसलिंग की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कमीशन ने शिकायतों के निपटारे के लिए एक उचित व्यवस्था बनाने का सुझाव भी दिया है जिससे वेमुला की आत्महत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सके।

वेमुला की आत्महत्या से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले के संबंध में पत्र लिखने की वजह से तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर स्मृति इरानी और लेबर मिनिस्टर बंडारू दत्तात्रेय की कड़ी निंदा की गई थी।

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