नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर स्टूडेंट ने एंट्रेंस एग्जाम में रैंक पाया है, लेकिन काउंसलिंग के वक्त जरूरी दस्तावेज पेश न करे, तो यूनिवर्सिटी दाखिले के लिए मना कर सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने काउंसलिंग के वक्त शर्तों का पालन नहीं किया और ऑरिजिनल दस्तावेज पेश नहीं किए। ऐसे में उस वक्त यूनिवर्सिटी ने दाखिले से इनकार कर दिया, तो इसमें यूनिवर्सिटी की कोई गलती नही हैं।
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक स्टूडेंट की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि डीयू को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह उसके डिग्री सर्टिफिकेट को स्वीकार करे और 2016-17 सेशन में एलएलबी में दाखिला ले। हाई कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता स्टूडेंट की अर्जी खारिज कर दी।
याचिकाकर्ता स्टूडेंट की ओर से हाई कोर्ट को इस मामले में तथ्य नहीं पेश किया गया कि जिस दिन काउंसलिंग थी उस दिन तक यूनिवर्सिटी ने उन्हें डिग्री सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था। हाई कोर्ट ने कहा कि डिग्री यूनिवर्सिटी से न लेना और उसके द्वारा जारी न करना दोनों अलग बातें हैं। अदालत ने कहा कि काउंसलिंग के लिए नोटिफिकेशन में साफ था कि कैंडिडेट को ऑरिजिनल दस्तावेज के साथ वहां जाना था। ऐसा नहीं करने पर वह ऐडमिशन से वंचित होगा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर स्टूडेंट ने एंट्रेंस एग्जाम में रैंक पाया है, लेकिन काउंसलिंग के वक्त जरूरी दस्तावेज पेश न करे, तो यूनिवर्सिटी दाखिले के लिए मना कर सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने काउंसलिंग के वक्त शर्तों का पालन नहीं किया और ऑरिजिनल दस्तावेज पेश नहीं किए। ऐसे में उस वक्त यूनिवर्सिटी ने दाखिले से इनकार कर दिया, तो इसमें यूनिवर्सिटी की कोई गलती नही हैं।
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक स्टूडेंट की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि डीयू को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह उसके डिग्री सर्टिफिकेट को स्वीकार करे और 2016-17 सेशन में एलएलबी में दाखिला ले। हाई कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता स्टूडेंट की अर्जी खारिज कर दी।
याचिकाकर्ता स्टूडेंट की ओर से हाई कोर्ट को इस मामले में तथ्य नहीं पेश किया गया कि जिस दिन काउंसलिंग थी उस दिन तक यूनिवर्सिटी ने उन्हें डिग्री सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था। हाई कोर्ट ने कहा कि डिग्री यूनिवर्सिटी से न लेना और उसके द्वारा जारी न करना दोनों अलग बातें हैं। अदालत ने कहा कि काउंसलिंग के लिए नोटिफिकेशन में साफ था कि कैंडिडेट को ऑरिजिनल दस्तावेज के साथ वहां जाना था। ऐसा नहीं करने पर वह ऐडमिशन से वंचित होगा।
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