नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक दशक में सैकड़ों लोगों को चूना लगाने के आरोपी पूर्व पुलिसवाले को पकड़ा है। मनजीत सांगवान नाम का यह आरोपी साल 2011 से पुलिस के हाथों से बच निकलने में कामयाब हो रहा था। मनजीत को आखिरकार छापा मारकर गुड़गांव स्थित उसके घर से पकड़ लिया गया।
मनजीत सांगवान ने एक 1989 में बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में नौकरी जॉइन की थी, लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर मनजीत ने 1996 में नौकरी छोड़ दी थी। साल 2008 में मनजीत ने रेडीमेड गार्मेंट का कारोबार करना शुरू किया, 'Criston Dior Shoppe' नाम से मल्टी-सिटी अपैरल ब्रैंड स्थापित किया। पुलिस ने बताया कि इस दौरान मनजीत और उसके बिजनस पार्टनर वीरेंद्र सुयाल ने मिलकर अपने कारोबार में निवेश करने वाले कई लोगों को करोड़ों का चूना लगाया। सांगवान पर फ्रेंच फैशन हाउस ने अपने लोगो के इस्तेमाल को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन का केस किया।
शनिवार को जॉइंट कमिश्नर(क्राइम) रवींद्र यादव ने बताया कि टीसीपी भीष्म सिंह की अगुवाई में एक टीम बनाई गई और गुड़गांव के पास स्थित हतियापुर में मनजीत की तलाश के लिए दबिश दी गई, यहीं से उसे पकड़ा गया।
साल 2010 में कॉपीराइट के एक केस में मनजीत को अरेस्ट किया गया था। जेल से रिहा होने के बाद सांगवान अपने गांव लौट गया था और उसने सरपंच का चुनाव जीता। साल 2013 में सांगवान और सुयाल दोनों ने कई अन्य लोगों को मुनाफे का लालच देकर पैसे ऐंठे।
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक दशक में सैकड़ों लोगों को चूना लगाने के आरोपी पूर्व पुलिसवाले को पकड़ा है। मनजीत सांगवान नाम का यह आरोपी साल 2011 से पुलिस के हाथों से बच निकलने में कामयाब हो रहा था। मनजीत को आखिरकार छापा मारकर गुड़गांव स्थित उसके घर से पकड़ लिया गया।
मनजीत सांगवान ने एक 1989 में बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में नौकरी जॉइन की थी, लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर मनजीत ने 1996 में नौकरी छोड़ दी थी। साल 2008 में मनजीत ने रेडीमेड गार्मेंट का कारोबार करना शुरू किया, 'Criston Dior Shoppe' नाम से मल्टी-सिटी अपैरल ब्रैंड स्थापित किया। पुलिस ने बताया कि इस दौरान मनजीत और उसके बिजनस पार्टनर वीरेंद्र सुयाल ने मिलकर अपने कारोबार में निवेश करने वाले कई लोगों को करोड़ों का चूना लगाया। सांगवान पर फ्रेंच फैशन हाउस ने अपने लोगो के इस्तेमाल को लेकर कॉपीराइट उल्लंघन का केस किया।
शनिवार को जॉइंट कमिश्नर(क्राइम) रवींद्र यादव ने बताया कि टीसीपी भीष्म सिंह की अगुवाई में एक टीम बनाई गई और गुड़गांव के पास स्थित हतियापुर में मनजीत की तलाश के लिए दबिश दी गई, यहीं से उसे पकड़ा गया।
साल 2010 में कॉपीराइट के एक केस में मनजीत को अरेस्ट किया गया था। जेल से रिहा होने के बाद सांगवान अपने गांव लौट गया था और उसने सरपंच का चुनाव जीता। साल 2013 में सांगवान और सुयाल दोनों ने कई अन्य लोगों को मुनाफे का लालच देकर पैसे ऐंठे।
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