Sunday, October 9, 2016

दिल्ली की रामलीलाओं ने बनाई केजरीवाल से दूरी!

वसुधा वेणुगोपाल, नई दिल्ली
राजधानी में होने वाली रामलीलाओं में राजनेताओं की विशिष्ट अतिथियों के तौर पर काफी मांग रहती है, लेकिन दिल्ली की तीन सबसे प्रमुख रामलीलाओं में से दो की मेहमानों की सूची पर नजर डालने से पता चलता है कि इनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है।

ईटी ने दिल्ली की सबसे पुरानी और सबसे अधिक भीड़ जुटाने वाली लव कुश रामलीला कमिटी, श्री धार्मिक लीला कमिटी और नव श्री धार्मिक लीला कमिटी के आयोजकों से बात की। ऐतिहासिक लाल किले के सामने लाल किला मैदान में होने वाली इन तीनों रामलीलाओं में नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन 50,000 से अधिक लोग आते हैं। यह संख्या दशहरा के दिन बढ़कर एक लाख को पार कर जाती है।

इन तीनों में से केवल लव कुश रामलीला में दशहरा के दिन केजरीवाल मुख्य अतिथि हैं। आयोजकों ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में शामिल न होने के हाल के फैसले के बाद उन्होंने केजरीवाल को मुख्य अतिथि बनाया है। राजनाथ सिंह उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ लखनऊ जा रहे हैं। हर साल की तरह, इस बार भी रामलीलाओं में विशिष्ट मेहमानों की एक लंबी सूची है। इनमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और बहुत से केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

इन तीनों रामलीलाओं की कमेटियों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने के लिए कई प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, लेकिन उन्होंने आने की पुष्टि नहीं की। नव श्री धार्मिक लीला 1958 से आयोजित हो रही है और इसमें सभी दिनों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेता मेहमानों की सूची में शामिल हैं, लेकिन केजरीवाल का कोई जिक्र नहीं है। कमिटी के लीला सेक्रटरी रवि कप्तान ने बताया कि आयोजक ऐसे किसी व्यक्ति से बचना चाहते हैं जो एक धार्मिक कार्यक्रम का उपयोग एक राजनीतिक भाषण देने के लिए कर सकता है।

उनका कहना था, 'आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है और आप की विधायक अल्का लांबा भूमिपूजन के दौरान उपस्थित थी। एक कार्यक्रम में आप के प्रवक्ता भी मौजूद थे।'धार्मिक लीला कमिटी मंडल समिति के जनरल सेक्रेटरी धीरज धर गुप्ता ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष और इस वर्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री को बुलाने की कोशिश की थी, लेकिन उनके कार्यालय से कोई जवाब नहीं मिला।

हालांकि, आप के नेताओं ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है और उनका कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री हमेशा अधिक से अधिक संख्या में लोगों से मिलने के लिए तैयार रहते हैं और वह भारतीय संस्कृति से जुड़े मामलों में विशेष रुचि लेते हैं। पार्टी के प्रवक्ता दीपक बाजपेई ने कहा, 'यह कहना पूरी तरह गलत है कि उन्होंने निमंत्रणों का जवाब नहीं दिया।'

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