नई दिल्ली
प्रजा फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ ने दिल्ली के विधायकों के कामकाज का मूल्यांकन किया है जिसमें ज्यादातर विधायक फिसड्डी पाए गए हैं। एनजीओ ने 24 फरवरी 2015 से दिसंबर 2015 के बीच विधायकों को कामकाज का मूल्यांकन किया है। इस एनजीओ ने पहली बार दिल्ली के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है जबकि यह 2011 से हर साल मुंबई के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड जारी करता है।
प्रजा फाउंडेसन ने दिल्ली के कुल 70 विधायकों में से 58 विधायकों के कामकाज का अलग-अलग पैमानों पर मूल्यांकन किया है। सदन में दिल्ली से जुड़े मुद्दों को उठाने के मामले में तो 72% विधायकों का परफॉर्मेंस औसत से नीचे पाया गया। 3 विधायक तो ऐसे हैं जिन्होंने विधानसभा में एक भी मुद्दा नहीं उठाया। 16 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने एक से पांच मुद्दों को सदन में उठाया। 31 दिसंबर 2015 तक 20 विधायकों का आपराधिक रिकॉर्ड था। इनमें से 10 के खिलाफ 2015 विधानसभा चुनाव से पहले से केस दर्ज था जबकि 10 के खिलाफ चुनाव के बाद केस दर्ज हुआ।
सर्वे में कुल 29,950 लोगों की राय ली गई। रिपोर्ट कार्ड में कृष्णानगर से AAP विधायक एस.के. बग्गा टॉप पर हैं जबकि दूसरे नंबर पर मुस्लताफाबाद से बीजेपी विधायक जगदी प्रधान रहे। लक्ष्मीनगर से AAP विधायक नितिन त्यागी तीसरे पायदान पर रहे। दिलचस्प बात यह है कि विश्वास नगर से बीजेपी के विवादित विधायक ओम प्रकाश शर्मा परफॉर्मेंस के मामले में चौथे नंबर पर रहे।
कामकाज के मामले में राजेंद्र पाल गौतम (सीमापुरी) पांचवें, अनिल कुमार बाजपेयी (गांधीनगर) छठे, भावना गौर (पालम) सातवें, पंकज पुष्कर (तिमारपुर) आठवें, महेंदर गोयल (रिठाला) नौवें और अलका लांबा (चांदनी चौक) दसवें पायदान पर हैं।
एनजीओ की रिपोर्ट के मुताबिक तुगलकाबाद से AAP विधायक सही राम कामकाज के मामले में सबसे फिसड्डी रहे और 58वें नंबर पर हैं। नांगलोई से विधायक रघुविंदर शौकीन इनसे एक पायदान ऊपर हैं। देवली से विधायक प्रकाश झारवाल 56वें और मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी 55वें पायदान पर हैं। आम आदमी पार्टी की चर्चित विधायक और पूर्व मंत्री राखी बिड़लान (मंगोलपुरी) कामकाज के मामले में 58 विधायकों में 54वें पायदान पर हैं।
विपक्ष के नेता और रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता को सदन में उठाए गए मुद्दों की संख्या और गुणवत्ता के आधार पर 'मिस्टर कमिटेड' का खिताब दिया गया है। बीजेपी के बाकी दो विधायकों ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान को भी इन्हीं वजहों से 'मिस्टर कमिटेड' बताया गया है।
द्वारका से विधायक आदर्श शास्त्री को एनजीओ ने 'मिस्टर क्लीन' की उपाधि दी है। सीलमपुर से विधायक इशराक और जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि को भी 'मिस्टर क्लीन' बताया है। इनके खिलाफ कोई भी केस नहीं है और इन्हें सबसे कम भ्रष्ट माना गया है। लोगों की सेवा और आम लोगों की विधायकों तक आसान पहुंच के मामले में सदर बाजार विधायक सोमदत्त, अंबेडकर नगर के अजय दत्त और ओखला के अमानतुल्लाह खान अव्वल रहे। इन्हें 'मिस्टर पॉप्युलर' का खिताब दिया गया है।
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें: Many red marks on MLA report card
प्रजा फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ ने दिल्ली के विधायकों के कामकाज का मूल्यांकन किया है जिसमें ज्यादातर विधायक फिसड्डी पाए गए हैं। एनजीओ ने 24 फरवरी 2015 से दिसंबर 2015 के बीच विधायकों को कामकाज का मूल्यांकन किया है। इस एनजीओ ने पहली बार दिल्ली के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया है जबकि यह 2011 से हर साल मुंबई के विधायकों का रिपोर्ट कार्ड जारी करता है।
प्रजा फाउंडेसन ने दिल्ली के कुल 70 विधायकों में से 58 विधायकों के कामकाज का अलग-अलग पैमानों पर मूल्यांकन किया है। सदन में दिल्ली से जुड़े मुद्दों को उठाने के मामले में तो 72% विधायकों का परफॉर्मेंस औसत से नीचे पाया गया। 3 विधायक तो ऐसे हैं जिन्होंने विधानसभा में एक भी मुद्दा नहीं उठाया। 16 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने एक से पांच मुद्दों को सदन में उठाया। 31 दिसंबर 2015 तक 20 विधायकों का आपराधिक रिकॉर्ड था। इनमें से 10 के खिलाफ 2015 विधानसभा चुनाव से पहले से केस दर्ज था जबकि 10 के खिलाफ चुनाव के बाद केस दर्ज हुआ।
सर्वे में कुल 29,950 लोगों की राय ली गई। रिपोर्ट कार्ड में कृष्णानगर से AAP विधायक एस.के. बग्गा टॉप पर हैं जबकि दूसरे नंबर पर मुस्लताफाबाद से बीजेपी विधायक जगदी प्रधान रहे। लक्ष्मीनगर से AAP विधायक नितिन त्यागी तीसरे पायदान पर रहे। दिलचस्प बात यह है कि विश्वास नगर से बीजेपी के विवादित विधायक ओम प्रकाश शर्मा परफॉर्मेंस के मामले में चौथे नंबर पर रहे।
कामकाज के मामले में राजेंद्र पाल गौतम (सीमापुरी) पांचवें, अनिल कुमार बाजपेयी (गांधीनगर) छठे, भावना गौर (पालम) सातवें, पंकज पुष्कर (तिमारपुर) आठवें, महेंदर गोयल (रिठाला) नौवें और अलका लांबा (चांदनी चौक) दसवें पायदान पर हैं।
एनजीओ की रिपोर्ट के मुताबिक तुगलकाबाद से AAP विधायक सही राम कामकाज के मामले में सबसे फिसड्डी रहे और 58वें नंबर पर हैं। नांगलोई से विधायक रघुविंदर शौकीन इनसे एक पायदान ऊपर हैं। देवली से विधायक प्रकाश झारवाल 56वें और मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी 55वें पायदान पर हैं। आम आदमी पार्टी की चर्चित विधायक और पूर्व मंत्री राखी बिड़लान (मंगोलपुरी) कामकाज के मामले में 58 विधायकों में 54वें पायदान पर हैं।
विपक्ष के नेता और रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता को सदन में उठाए गए मुद्दों की संख्या और गुणवत्ता के आधार पर 'मिस्टर कमिटेड' का खिताब दिया गया है। बीजेपी के बाकी दो विधायकों ओम प्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान को भी इन्हीं वजहों से 'मिस्टर कमिटेड' बताया गया है।
द्वारका से विधायक आदर्श शास्त्री को एनजीओ ने 'मिस्टर क्लीन' की उपाधि दी है। सीलमपुर से विधायक इशराक और जनकपुरी के विधायक राजेश ऋषि को भी 'मिस्टर क्लीन' बताया है। इनके खिलाफ कोई भी केस नहीं है और इन्हें सबसे कम भ्रष्ट माना गया है। लोगों की सेवा और आम लोगों की विधायकों तक आसान पहुंच के मामले में सदर बाजार विधायक सोमदत्त, अंबेडकर नगर के अजय दत्त और ओखला के अमानतुल्लाह खान अव्वल रहे। इन्हें 'मिस्टर पॉप्युलर' का खिताब दिया गया है।
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