नई दिल्ली
1 नवंबर की तारीख 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों की याद दिलाती है। 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के अलावा भी कई जगहों पर दंगे भड़क गए थे। इसमें बहुत सारे सिख मारे गए थे। दंगा पीड़ितों के न्याय के लिए एक बार फिर से राजनीतिक आवाजें उठने लगी हैं।
शिरोमणि अकाली दल की अगवाई में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी दंगे में मारे गए लोगों के लिए एक 'सच की दीवार' बनवाने की योजना बना रही है। यह दीवार गुरुद्वारा रकाबगंज में बनाई जाएगी। अगले साल के शुरुआत में ही DSGMC (दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी) का चुनाव भी होना है। वहीं पंजाब में फरवरी में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
इस दीवार पर लगभग 3,000 लोगों के नाम लिखे जाएंगे जो अलग-अलग राज्यों में मारे गए थे। ये नाम दीवार पर उकेरे जाएंगे और पास में ही एक सरोवर भी होगा जिसमें नाम दिखाई देंगे। यहां एक और दीवार होगी जिसपर उन हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों के नाम होंगे जिनकी अपने पड़ोसी सिखों को बचाते समय या तो मौत हो गई या भारी नुकसान उठाना पड़ा। एक और दीवार उन लोगों के लिए बनाई जाएगी जिनकी मौत हो गई थी, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। पास में बनने वाले सरोवर से लेजर लाइट की किरणें आकाश की ओर उठेंगी। यहां लोग बैठ सकेंगे। यह सब बनवाने में करीब 2.45 करोड़ रुपये लगने वाले हैं।
DSGMC के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने बताया, 'यह जगह किसी भी राजनीतिक भाषण के लिए नहीं खोली जाएगी। यह ऐसी जगह होगी जहां लिखे नाम अपने आप में एक कहानी होंगे। इसका उद्घाटन दंगे में मारे गए लोगों की विधवाओं द्वारा किया जाएगा। इसमें अलग-अलग पार्टियों के लोग भी हिस्सा लेंगे।' इस दीवार का काम 1 नवंबर 2014 को ही शुरू हो गया है। जून 2013 में ही इस दीवार का शिलान्यास हो गया था। इस समय राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज मौजूद थीं। इसके बाद NDMC ने नोटिस जारी किया था और गुरुद्वारा में अतिरिक्त निर्माण के लिए अनुमति लेने की बात कही थी।
1 नवंबर की तारीख 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों की याद दिलाती है। 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के अलावा भी कई जगहों पर दंगे भड़क गए थे। इसमें बहुत सारे सिख मारे गए थे। दंगा पीड़ितों के न्याय के लिए एक बार फिर से राजनीतिक आवाजें उठने लगी हैं।
शिरोमणि अकाली दल की अगवाई में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी दंगे में मारे गए लोगों के लिए एक 'सच की दीवार' बनवाने की योजना बना रही है। यह दीवार गुरुद्वारा रकाबगंज में बनाई जाएगी। अगले साल के शुरुआत में ही DSGMC (दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी) का चुनाव भी होना है। वहीं पंजाब में फरवरी में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
इस दीवार पर लगभग 3,000 लोगों के नाम लिखे जाएंगे जो अलग-अलग राज्यों में मारे गए थे। ये नाम दीवार पर उकेरे जाएंगे और पास में ही एक सरोवर भी होगा जिसमें नाम दिखाई देंगे। यहां एक और दीवार होगी जिसपर उन हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों के नाम होंगे जिनकी अपने पड़ोसी सिखों को बचाते समय या तो मौत हो गई या भारी नुकसान उठाना पड़ा। एक और दीवार उन लोगों के लिए बनाई जाएगी जिनकी मौत हो गई थी, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। पास में बनने वाले सरोवर से लेजर लाइट की किरणें आकाश की ओर उठेंगी। यहां लोग बैठ सकेंगे। यह सब बनवाने में करीब 2.45 करोड़ रुपये लगने वाले हैं।
DSGMC के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने बताया, 'यह जगह किसी भी राजनीतिक भाषण के लिए नहीं खोली जाएगी। यह ऐसी जगह होगी जहां लिखे नाम अपने आप में एक कहानी होंगे। इसका उद्घाटन दंगे में मारे गए लोगों की विधवाओं द्वारा किया जाएगा। इसमें अलग-अलग पार्टियों के लोग भी हिस्सा लेंगे।' इस दीवार का काम 1 नवंबर 2014 को ही शुरू हो गया है। जून 2013 में ही इस दीवार का शिलान्यास हो गया था। इस समय राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज मौजूद थीं। इसके बाद NDMC ने नोटिस जारी किया था और गुरुद्वारा में अतिरिक्त निर्माण के लिए अनुमति लेने की बात कही थी।
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