Friday, October 7, 2016

हादसे में घायल को 10 लाख मुआवजा देने का आदेश

नई दिल्ली
मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MATC) ने फरीदाबाद में वर्ष 2012 में एक डीटीसी बस ड्राइवर की लापरवाही के कारण 72 प्रतिशत तक शारीरिक रूप से अक्षम हुए व्यक्ति को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया है। MATC की पीठासीन अधिकारी मधु जैन ने कहा, 'व्यक्ति को लगी चोटों के कारण उसका पूरा करियर तबाह हो गया। यह स्वाभाविक बात है कि शारीरिक रूप से अक्षम और घायल होने के कारण याचिकाकर्ता का पूरा करियर (कमाई की क्षमता) नष्ट हो गया है।

न्यायाधिकरण ने डीटीसी बस की बीमाकर्ता कंपनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह 4 नवंबर 2012 को हादसे का शिकार हुए सुधीर को 10,33,900 रुपये का भुगतान करे।

याचिका के अनुसार तुगलकाबाद निवासी सुधीर जब डीटीसी की बस में चढ़ने वाला था तभी चालक ने लापरवाही करते हुए बस चला दी जिसके कारण उसका बायां पैर बस के पीछे वाले पहिए के नीचे आ गया। सुधीर को तत्काल एम्स ले जाया गया और इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीटीसी और उसके चालक ने पीड़ित के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्हें मामले में गलत फंसाया जा रहा है।

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