Sunday, September 4, 2016

मेट्रो कोच में पुरुषों से ऐसे निपटतीं हैं लेडी CISF

निहारिका लाल, नई दिल्ली
दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते समय आपने कभी नोटिस किया है कि आपके आसपास महिला सीआईएसएफ सुरक्षा कर्मियों की संख्या अधिक है। दरअसल सीआईएसएफ को मेट्रो में यात्रा कर रही महिलाओं से दुर्व्यवहार की ज्यादा शिकायतें मिल रही थीं। इसीलिए दिल्ली मेट्रो सीआईएसएफ ने एक वीमेन कॉम्बेट टीम का गठन किया है।

हालांकि यह वीमेन कॉम्बेट टीम लेडीज कोच यात्रा करने वाले पुरुष यात्रियों को मौखिक रूप से मना करते हुए उन्हें उस कोच से बाहर जाने के लिए कहते हैं। कुछ पुरुष अपनी महिला साथी के लिए बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं और लेडीज कोच में ट्रेवल करने की जिद करते हैं। कॉम्बेट टीम के मुताबिक कई बार तो लड़कियों के बॉयफ्रेंड से जह लेडीज कोच से बाहर जाने के लिए कहते हैं तो वे खुद को लड़की का भाई बताने लगते हैं।

सबसे ज्यादा शिकायतें रेड लाइन पर मिलती हैं:
सीआईएसएफ के डीआईजी रघुवीर यादव ने बताया कि हमने इस टीम को गठन इसलिए किया है क्योंकि पिछले कुछ माह में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें में इजाफा हुआ है। इनमें से ज्यादातर मामले लेडीज कोच में हुए दुर्व्यवहार के होते हैं। शिकायतें बढ़ने के बाद टीम पर अतिरिक्त दबाव होता है।

कॉम्बेट टीम की अधिकारियों ने बताया कि रेड लाइन पर सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। अन्य लाइनों पर 8-9 बजे के बाद शिकायतें आती है, लेकिन रेड लाइन पर पुरुष दिन में भी लेडीज कोच में चढ़ जाते हैं। वहीं वॉयलेट लाइन पर सबसे कम शिकायतें मिलती हैं।

रोज 40-400 पुरुषों को लेडीज कोच से हटाती हैं:
एक वरिष्ठ सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया कि जो लोग लेडीज कोच में ट्रेवल करते हैं वे ऐसा जानबूझकर करते हैं। हर दिन तकरीबन 40-400 पुरुषों को लेडीज कोच में ट्रैवल करते हुए पकड़ा जाता है। कॉम्बेट टीम के मुताबिक उन्हें यात्रियों से धैर्यपूर्वक बातचीत करने के लिए कहा जाता है लेकिन कुछ यात्रियों से बातचीत के दौरान उनका धैर्य जवाब दे जाता है।

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