Thursday, September 1, 2016

तीसरी बार भी जीत का सेहरा बांधने की बिसात बिछा रही परिषद

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्र संघ चुनावों के मद्देनजर अपनी पीठ थपथपाते हुए डूसू में लगातार तीसरी बार चारो सीटें जीत ‘हैट्रिक’ बनाने का दावा किया। सनद रहे कि 18 साल बाद 2014 में परिषद ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ से चारो सीटें छीन ली थीं। यह सिलसिला पिछले साल (2015) भी जारी रहा। इस बार चुनाव की बिसात सजाने से ठीक पहले एबीवीपी ने डूसू-2016 में सभी चार सीटें जीतने का दावा किया है। इस मौके पर परिषद के प्रदेश मंत्री भरत खटाना, राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक साकेत बहुगुणा, डूसू के निवर्तमान अध्यक्ष सत्येंद्र अवाना, निवर्तमान उपाध्यक्ष गरिमा राणा व सह सचिव छत्रपाल यादव भी मौजूद थे।

साकेत बहुगुणा ने कहा-जेएनयू की नौ फरवरी की घटना को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह वाम संगठनों की ओर से आयोजित एक कड़ी है। हम लोग याकूब मेमन का गुणगान करने वाले या संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में होने वाले आयोजनों का विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने कहा- हम लोग दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के दौरान वाम संगठनों की इन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को व्यापक राष्ट्रीय मुद्दे के तौर पर पेश करना जारी रखेंगे। पार्टी के चुनावी एजंडे में अधिक छात्रावासों का निर्माण, किराया नियंत्रण कानून को पारित कराना, डीयू छात्रों के लिए विशेष बस जैसे मुद्दे हैं।

परिषद के नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने सालों भर कैंपस में छात्र हित की गतिविधियां जारी रखीं। अपनी गतिविधियों को उन्होंने दो भागों-राष्ट्रीय और स्थानीय में बांट कर आंदोलन चलाया। उन्होंने कहा -राष्ट्रीय मुद्दों में जेएनयू की नौ फरवरी के नारेबाजी मामले में रुख के अलावा हैदराबाद में कैंपस सरीखे का आंदोलन शामिल है। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्राओं की सुरक्षा और हॉस्टल आदि पर विश्वविद्यालय प्रशासन को घेरा जाना आदि शामिल है। साकेत बहुगुणा ने कहा कि अगले डूसू चुनाव में हॉस्टल निर्माण को परिषद प्रमुख मुद्दा बनाएगी। उन्होंने हॉस्टल निर्माण को प्राथमिकता देने की मांग की।

अपनी उपलब्धि बताते हुए हालांकि परिषद ने 2014 के भी मुद्दे और उपलब्धियां अपने खाते में ही जोड़ीं, मसलन एफवाइयूपी की वापसी आदि का जिक्र इस मौके पर किया। दूसरी ओर जेएनयू पर परिषद का कहना है कि यह उनके आंदोलन का ही तकाजा है कि इस बार जेएनयूएसयू में उनका सामना करने के लिए सभी वाम दलों को एकजुट होना पड़ा है। साथ ही दावा किया गया कि परिषद ने देश को तोड़ने की साजिश को जेएनयू में नाकाम किया। इसका फायदा उन्हें जेएनयूएसयू में मिलता दिख रहा है। बता दें कि जेएनयूएसयू में केवल एक सीट परिषद के पास है। परिषद का दावा है कि इस बार जेएनयूएसयू के नतीजे चौंकाने वाले होंगे।

बाजी पलटने की जुगत में एनएसयूआइ
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में इस बार एनएसयूआइ बाजी पलटने की जुगत में है। इसके लिए नई रणनीति तैयार की गई है। गुरुवार से ‘सेव एजुकेशन, सेव माई इंस्टिच्यूशन’ के नाम से अभियान शुरू करने जा रही है। एनएसयूआइ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमृता धवन ने कहा कि इस बार एनएसयूआइ नॉर्थ ईस्ट के छात्र-छात्राओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी करेगी। इसके लिए अलग से टीम बनाई गई है जो दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में जाकर नॉर्थ ईस्ट के छात्र-छात्राओं से मिलकर उनकी समस्याओं को जानेगी और उसी के आधार पर घोषणापत्र तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि गुरुवार से एनएसयूआइ दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘सेव एजुकेशन, सेव माई इंस्टिट्यूशन’ के नाम से क्लास टू क्लास कैंपेन चलाएंगे जिसमें फीस बढ़ोतरी व शिक्षा-बजट में 55 फीसद की हुई कटौती, दलित छात्रों का शिक्षण संस्थानों में शोषण के आरोप, शिक्षण संस्थानों पर सरकार की कैंपस विरोधी नीतियों आदि को लेकर छात्रों के बीच जाएंगे। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार, पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल भी मौजूद थे।

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