Thursday, September 1, 2016

AAP के और भी विधायकों की सबूत समेत हुई हैं शिकायतें

नई दिल्ली
राजनिवास और केंद्र सरकार से 'टक्कर' ले रही दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अब अपने ही लोगों के कारण परेशानी में पड़ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित सेक्स स्कैंडल में फंसे अपने मंत्री संदीप कुमार को तो तुरंत मंत्रीपद से हटा दिया, लेकिन कहा जा रहा है कि कुछ और विधायकों की भी तरह तरह की शिकायतें पहुंची हैं। खास बात यह कि ये उनकी पार्टी के ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सबूतों समेत भेजी है।

इनमें पुरानी दिल्ली के दो विधायक शामिल बताए जा रहे हैं। अब पार्टी यह देख रही है कि इन शिकायतों में कितना दम है। इस बारे में हमारे सहयोगी अखबार सांध्य टाइम्स ने सरकार के प्रवक्ता से बात करनी चाही लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी उनका पक्ष नहीं मिल सका।

समाज कल्याण, महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार आप सरकार के तीसरे मंत्री हैं, जिन्हें कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इससे पहले पिछले साल 9 जून को जितेंद्र तोमर को फर्जी डिग्री के मसले पर हटा दिया गया था, उसके बाद दूसरे मंत्री असीम अहमद को 10 अक्टूबर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उन पर एक बिल्डर से पैसे मांगने का आरोप लगा था।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार ने बुधवार रात 8 बजे मामला सामने आने के बाद आधे घंटे के भीतर यानी 8:30 बजे संदीप को पद से हटाने की घोषणा कर दी। लेकिन मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, संदीप कुमार की विधानसभा सुलतानपुरा माजरा में रहने वाले ओम प्रकाश नामक शख्स ने दावा किया कि उन्होंने 15 दिन पहले सीएम ऑफिस और मंगलवार को एलजी ऑफिस को सीडी की कॉपी भेजी थी। इसके एक दिन बाद यानी बुधवार को सीडी न्यूज चैनलों के पास पहुंच गई। इससे पहले सीएम ऑफिस ने ऐसी सीडी मिलने से इनकार किया था।

सूत्र बताते हैं कि आम आदमी पार्टी के 67 विधायकों में से करीब 15 की शिकायतें मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई हैं। कई शिकायतें तो आम आदमी पार्टी के ही नेताओं और इलाके के वॉलिंटियरों ने पहुंचाई हैं। अधिकतर शिकायतें करप्शन को लेकर बताई जा रही हैं। इनमें एमसीडी से मिलीभगत के आरोप भी हैं।

शराब के ठेकों को लेकर आरोप लगे हैं और एकाध पर आरोप है कि उनके इलाके के विधायक न कार्यालय में आ रहे हैं और न लोगों की समस्याओं को हल करने में गंभीरता दिखा रहे हैं। फिलहाल पार्टी और सरकार की ओर से इन शिकायतों लेकर चुप है। बताते हैं कि इन विधायकों में दो पुरानी दिल्ली इलाके के हैं।

आम आदमी पार्टी के एक नेता ने इस बारे में कहा, असल समस्या यह है कि पार्टी में 80 प्रतिशत विधायक पार्टी कैडर से जुड़े हुए नहीं है। ये सभी विधायक दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दूसरी पार्टियों के नेता थे। प्रत्याशियों की कमी के चलते इन्हें आप से लड़ाया गया। ये पार्टी और सरकार के रडार पर हैं और इन पर लगातार नजर रखी जा रही है। शिकायतें मिलने पर कुछ विधायकों को ताकीद किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि अब विधायकों के खिलाफ मामले सार्वजनिक हुए तो पार्टी और सरकार इनके खिलाफ ऐक्शन लेने में गंभीरता दिखाएगी

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