Thursday, September 1, 2016

बुखार से बेहाल दिल्ली, 80% मरीज फीवर के

नई दिल्ली
इन दिनों दिल्ली में डेंगी, चिकनगुनिया, मलेरिया, टाइफाइड और वायरल फीवर का अटैक इस कदर जोरो पर है कि एक-एक अस्पताल में रोजाना 600 से 800 मरीज पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि हर घर में किसी न किसी फीवर का अटैक जरूर है। डॉक्टरों की मानें तो ओपीडी में इन दिनों 10 में से 8 मरीज फीवर के ही पहुंच रहे हैं। न केवल सरकारी अस्पताल बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी फीवर के मरीज काफी पहुंच रहे हैं। हालांकि दिल्ली सरकार ने इन दिनों कुल 355 फीवर क्लिनिक चला रही है, लेकिन बावजूद भीड़ कंट्रोल से बाहर है। डॉक्टरों का कहना है कि राहत की बात यह है कि चिकनगुनिया के मरीजों को ऐडमिट की जरूरत नहीं हो रही है और डेंगू वायरस कंट्रोल में है।

ऐडमिट होना जरूरी नहीं

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेडेंट डॉक्टर एससी पासी ने कहा कि रोजाना 600 से 700 फीवर के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसमें से सभी की जांच की जा रही है। अगर डेंगू पॉजिटिव आता है और ऐडमिशन की जरूरत होती है तो ऐडमिट किया जाता है, नहीं तो ऑबजर्वेशन में रखा जाता है। कुछ घंटे ऑबजर्वेशन में रखने के बाद मरीज को घर जाने दिया जाता है। अभी 10 से 12 मरीज डेंगी के ऐडमिट हैं। इसी प्रकार जीटीबी अस्पताल में भी रोजाना 700 से ज्यादा फीवर के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन इसमें से गिने चुने में ही डेंगी निकल रहा है।

सितंबर का महीना है खतरनाक
हिंदूराव के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि केवल फीवर क्लिनिक में 700 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा ओपीडी, मेडिसिन इमर्जेंसी में भी फीवर के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। केवल फीवर के मरीज ही दिख रहे हैं। जबकि अभी पूरा सितंबर बाकी है। सितंबर में सबसे ज्यादा डेंगी वायरस एक्टिव होता है। इस बार भी ऐसा डर है, क्योंकि कुछ दिन से हो रही बारिश से मच्छरों की उत्पत्ति बढ़ सकती है। फीवर के मरीज सफदरजंग, आरएमएल, एम्स, डीडीयू जैसे अस्पतालों में भी पहुंच रहे हैं। पर्सनल क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों के यहां भी फीवर के मरीज भरे पड़े हैं। हरके कॉलोनी में मरीजों की भीड़ लगी हुई है।

मलेरिया-टाइफाइड का भी जोर
आईएमए के महासचिव डॉक्टर केके अग्रवाल ने कहा कि इस समय दिल्ली में केवल चिकनगुनिया के 10 हजार से ज्यादा मरीज होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में स्थिति कंट्रोल में इसलिए दिख रही है क्योंकि चिकनगुनिया वायरस के मरीजों को ऐडमिशन की जरूरत नहीं पड़ रही है। अगर डेंगू वायरस का अटैक भी पिछले साल की तरह होता तो इस बार स्थिति और बिगड़ सकती थी। वहीं डॉक्टर अनिल बंसल ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया के साथ साथ मलेरिया, टाइफाइड के मरीज भी भरे पड़े हैं।

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