नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के 'दिल' कनॉट प्लेस में रात को खुलने वाले रेस्ट्रॉन्ट और बार पर लगाम कसने की तैयारी है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) कनॉट प्लेस की नाइटलाइफ को लेकर सख्त कदम उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि NDMC करीब 300 रेस्ट्रॉन्ट व बार के लाइसेंस रिन्यू करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। दुकानदारों की शिकायत पर पिछले साल भी NDMC ने 13 रेस्ट्रॉन्ट के लाइसेंस रिन्यु करने से इंकार कर दिया था। हालांकि उस वक्त NDMC के इस फैसले का रेस्ट्रॉन्ट व बार संचालकों ने काफी विरोध भी किया था।
सूत्रों की मानें तो इस बार भी NDMC के लिए यह फैसला ले पाना आसान नहीं होगा। बहरहाल, एक अधिकारी ने बताया कि कनॉट प्लेस के दुकानदारों ने रात को चलने वाले रेस्ट्रॉन्ट व बार को बंद करने की मांग की है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है। अंतिम फैसला मीटिंग के बाद ही लिया जाएगा। अधिकारी ने संकेत देते हुए कहा कि हालांकि NDMC कनॉट प्लेस की पुरानी बिल्डिंगों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के पक्ष में है।
नियमों के खिलाफ हैं रेस्ट्रॉन्ट
दरअसल, NDMC के 252 अधिनियम का हवाला देते हुए कुछ दिन पहले कनॉट प्लेस के दुकानदारों ने रेस्ट्रॉन्ट व बार की शिकायत की है। दुकानदारों का कहना है कि नियमों को ताक पर रख रेस्ट्रॉन्ट और बार संचालक बिल्डिंग का गलत उपयोग कर रहे हैं। कनॉट प्लेस की बिल्डिंग 1933 में बनाई गई थीं। उस वक्त ग्राउंड फ्लोर दुकानदारों के लिए और सेकंड फ्लोर रहने के लिए रखा गया था, लेकिन समय के साथ-साथ ऊपरी मंजिल पर रेस्ट्रॉन्ट और बार खुलने लगे। फिलहाल स्थिति यह है कि बिल्डिंग की क्षमता से भी ज्यादा रेस्ट्रॉन्ट और बार बने हैं। इन बार के लाइसेंस के रिन्यू न करने के पीछे एक कारण यह भी है कि यहां पार्किंग और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
इंटरनेट पर तलाशे होटल, तैयार की रिपोर्ट
कनॉट प्लेस की रखवाली करने वाली NDMC को शायद नाइटलाइफ रेस्ट्रॉन्ट के बारे में जानकारी नहीं। इसलिए दुकानदारों से शिकायत मिलने के बाद NDMC के अधिकारियों ने रेस्ट्रॉन्ट तलाशने के लिए इंटरनेट की मदद ली। बताया जा रहा है कि इंटरनेट पर कुछ वेबसाइट्स के जरिए उन सभी रेस्ट्रॉन्ट और बार का ब्यौरा निकाला गया जहां देर रात तक पार्टी चलती हैं। पहचान छिपाने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 300 रेस्ट्रॉन्ट और बार की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इनके अलावा जल्द खुलने वाले कुछ नए रेस्टां की फाइलें भी मंजूरी देने से पहले ही रोक ली गई हैं।
सवालों के घेरे में NDMC
दुकानदारों की शिकायत के बाद जहां कनॉट प्लेस की नाइटलाइफ पर सवाल खड़े हुए हैं। वहीं, NDMC भी सवालों के घेरे में है। रात को खुलने वाले रेस्ट्रॉन्ट व बार की जानकारी इंटरनेट से लेना और मंजूरी देने के बाद अब बिल्डिंग पर दबाव बढ़ने के बारे में सोचना परिषद की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर रहा है। हालांकि इन सवालों के जबाव अधिकारी भी देने से कतरा रहे हैं।
क्या पड़ेगा असर
कनॉट प्लेस की पहचान है नाइटलाइफ। जिन रेस्टां व बार पर लगाम कसने की तैयारी चल रही है, उनसे लाखों रूपये का फायदा भी NDMC को होता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर NDMC कैसे रेस्ट्रॉन्ट व बार के अतिरिक्त भार से कनॉट प्लेस की सालों पुरानी इमारतों को बचा पाती है।
राजधानी दिल्ली के 'दिल' कनॉट प्लेस में रात को खुलने वाले रेस्ट्रॉन्ट और बार पर लगाम कसने की तैयारी है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) कनॉट प्लेस की नाइटलाइफ को लेकर सख्त कदम उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि NDMC करीब 300 रेस्ट्रॉन्ट व बार के लाइसेंस रिन्यू करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। दुकानदारों की शिकायत पर पिछले साल भी NDMC ने 13 रेस्ट्रॉन्ट के लाइसेंस रिन्यु करने से इंकार कर दिया था। हालांकि उस वक्त NDMC के इस फैसले का रेस्ट्रॉन्ट व बार संचालकों ने काफी विरोध भी किया था।
सूत्रों की मानें तो इस बार भी NDMC के लिए यह फैसला ले पाना आसान नहीं होगा। बहरहाल, एक अधिकारी ने बताया कि कनॉट प्लेस के दुकानदारों ने रात को चलने वाले रेस्ट्रॉन्ट व बार को बंद करने की मांग की है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है। अंतिम फैसला मीटिंग के बाद ही लिया जाएगा। अधिकारी ने संकेत देते हुए कहा कि हालांकि NDMC कनॉट प्लेस की पुरानी बिल्डिंगों पर बढ़ रहे दबाव को कम करने के पक्ष में है।
नियमों के खिलाफ हैं रेस्ट्रॉन्ट
दरअसल, NDMC के 252 अधिनियम का हवाला देते हुए कुछ दिन पहले कनॉट प्लेस के दुकानदारों ने रेस्ट्रॉन्ट व बार की शिकायत की है। दुकानदारों का कहना है कि नियमों को ताक पर रख रेस्ट्रॉन्ट और बार संचालक बिल्डिंग का गलत उपयोग कर रहे हैं। कनॉट प्लेस की बिल्डिंग 1933 में बनाई गई थीं। उस वक्त ग्राउंड फ्लोर दुकानदारों के लिए और सेकंड फ्लोर रहने के लिए रखा गया था, लेकिन समय के साथ-साथ ऊपरी मंजिल पर रेस्ट्रॉन्ट और बार खुलने लगे। फिलहाल स्थिति यह है कि बिल्डिंग की क्षमता से भी ज्यादा रेस्ट्रॉन्ट और बार बने हैं। इन बार के लाइसेंस के रिन्यू न करने के पीछे एक कारण यह भी है कि यहां पार्किंग और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
इंटरनेट पर तलाशे होटल, तैयार की रिपोर्ट
कनॉट प्लेस की रखवाली करने वाली NDMC को शायद नाइटलाइफ रेस्ट्रॉन्ट के बारे में जानकारी नहीं। इसलिए दुकानदारों से शिकायत मिलने के बाद NDMC के अधिकारियों ने रेस्ट्रॉन्ट तलाशने के लिए इंटरनेट की मदद ली। बताया जा रहा है कि इंटरनेट पर कुछ वेबसाइट्स के जरिए उन सभी रेस्ट्रॉन्ट और बार का ब्यौरा निकाला गया जहां देर रात तक पार्टी चलती हैं। पहचान छिपाने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 300 रेस्ट्रॉन्ट और बार की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इनके अलावा जल्द खुलने वाले कुछ नए रेस्टां की फाइलें भी मंजूरी देने से पहले ही रोक ली गई हैं।
सवालों के घेरे में NDMC
दुकानदारों की शिकायत के बाद जहां कनॉट प्लेस की नाइटलाइफ पर सवाल खड़े हुए हैं। वहीं, NDMC भी सवालों के घेरे में है। रात को खुलने वाले रेस्ट्रॉन्ट व बार की जानकारी इंटरनेट से लेना और मंजूरी देने के बाद अब बिल्डिंग पर दबाव बढ़ने के बारे में सोचना परिषद की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर रहा है। हालांकि इन सवालों के जबाव अधिकारी भी देने से कतरा रहे हैं।
क्या पड़ेगा असर
कनॉट प्लेस की पहचान है नाइटलाइफ। जिन रेस्टां व बार पर लगाम कसने की तैयारी चल रही है, उनसे लाखों रूपये का फायदा भी NDMC को होता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर NDMC कैसे रेस्ट्रॉन्ट व बार के अतिरिक्त भार से कनॉट प्लेस की सालों पुरानी इमारतों को बचा पाती है।
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