अभिषेक रावत, नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर 11 लाख रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने न सिर्फ खुद को रामविलास पासवान का नजदीकी बताया बल्कि पीड़ित को 12 जनपथ स्थित पासवान के सरकारी आवास पर भी ले गया। पोल तब खुली, जब पीड़ित काम नहीं बनने पर पासवान के घर हंगामा करने लगा। वहां मौजूद पासवान के स्टाफ ने उसे बताया कि जिस शख्स का वह नाम ले रहा है, उसका मंत्रीजी से कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में साउथ एवेन्यू पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। ठगी करने वाले शख्स की तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार बीके दत्त कॉलोनी निवासी राकेश कुमार पेशे से ड्राइवर है। उसने शिकायत दर्ज कराई है कि विपन कुमार नाम का एक व्यक्ति बीके दत्त कॉलोनी में मोबाइल की दुकान चलाता था। उसने बताया कि वह रेलवे का कर्मचारी है और कोल्हापुर, महाराष्ट्र में नियुक्त है। इन दिनों डेप्युटेशन पर दिल्ली आया हुआ है, यहां वह रामविलास पासवान के आवास पर नियुक्त है। राकेश कुमार का आरोप है कि विपिन ने दावा किया कि उसकी जान-पहचान रेल विभाग में है और वह टीटी के पद पर नौकरी लगवा सकता है।
राकेश कुमार ने अपने बेटे दीपक की नौकरी लगवाने के लिए विपन से कहा। विपन ने इसके एवज में 8 लाख रुपये की मांग की। 16 जनवरी 2016 को उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन के पास राकेश कुमार ने 4 लाख की एक किश्त विपन को दी। एक महीने बाद बाकी बचे 4 लाख रुपये भी उसने विपन कुमार को दिए। इस दौरान विपन, राकेश को बड़ौदा हाउस और रेल भवन भी ले गया ताकि यह विश्वास जता सके कि उसकी पहचान रेलवे में है।
विपन ने कुछ दिन बाद राकेश से कहा कि वह 3 लाख रुपये में रेलवे में चपरासी के पद पर भी नौकरी लगवा सकता है। राकेश ने अपने साले शिव कुमार की नौकरी लगवाने के लिए उससे बात की, जिसके बाद शिव कुमार ने भी विपन को 3 लाख रुपये दे दिए। लेकिन जब दोनों में से किसी का भी अपॉइंटमेंट लेटर नहीं मिला तो राकेश विपन से रोज इस संबंध में पूछने लगा। 18 मई को विपन उसे 12 जनपथ स्थित रामविलास पासवान के आवास पर ले गया जहां उसने अरूण पासवान कामेश्वर से राकेश की मुलाकात कराई। कामेश्वर ने राकेश से कहा कि विपन इसी कोठी में तैनात है और 20-25 दिन में दोनों के अपॉइंटमेंट लेटर आ जाएंगे।
कुछ दिनों बाद विपन इलाके से गायब हो गया। उसका फोन नंबर भी स्विच ऑफ आने लगा। कई जगह पूछताछ करने पर भी जब उसका पता नहीं चला तो राकेश अपने जानकार के साथ 12 जनपथ पहुंचा और विपन व कामेश्वर के बारे में पूछताछ की। वहां उसकी मुलाकात कुछ लोगों से हुई, जिन्होंने बताया कि कामेश्वर और विपन यहां नहीं रहते, अगर यहां आएंगे तो इसकी जानकारी वह उसे दे देंगे। राकेश ने वहां काफी शोर भी मचाया। 17 सितंबर को राकेश ने साउथ एवेन्यू थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवायी कि उसके साथ 11 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नाम पर 11 लाख रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने न सिर्फ खुद को रामविलास पासवान का नजदीकी बताया बल्कि पीड़ित को 12 जनपथ स्थित पासवान के सरकारी आवास पर भी ले गया। पोल तब खुली, जब पीड़ित काम नहीं बनने पर पासवान के घर हंगामा करने लगा। वहां मौजूद पासवान के स्टाफ ने उसे बताया कि जिस शख्स का वह नाम ले रहा है, उसका मंत्रीजी से कोई संबंध नहीं है। इस संबंध में साउथ एवेन्यू पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। ठगी करने वाले शख्स की तलाश की जा रही है।
पुलिस के अनुसार बीके दत्त कॉलोनी निवासी राकेश कुमार पेशे से ड्राइवर है। उसने शिकायत दर्ज कराई है कि विपन कुमार नाम का एक व्यक्ति बीके दत्त कॉलोनी में मोबाइल की दुकान चलाता था। उसने बताया कि वह रेलवे का कर्मचारी है और कोल्हापुर, महाराष्ट्र में नियुक्त है। इन दिनों डेप्युटेशन पर दिल्ली आया हुआ है, यहां वह रामविलास पासवान के आवास पर नियुक्त है। राकेश कुमार का आरोप है कि विपिन ने दावा किया कि उसकी जान-पहचान रेल विभाग में है और वह टीटी के पद पर नौकरी लगवा सकता है।
राकेश कुमार ने अपने बेटे दीपक की नौकरी लगवाने के लिए विपन से कहा। विपन ने इसके एवज में 8 लाख रुपये की मांग की। 16 जनवरी 2016 को उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन के पास राकेश कुमार ने 4 लाख की एक किश्त विपन को दी। एक महीने बाद बाकी बचे 4 लाख रुपये भी उसने विपन कुमार को दिए। इस दौरान विपन, राकेश को बड़ौदा हाउस और रेल भवन भी ले गया ताकि यह विश्वास जता सके कि उसकी पहचान रेलवे में है।
विपन ने कुछ दिन बाद राकेश से कहा कि वह 3 लाख रुपये में रेलवे में चपरासी के पद पर भी नौकरी लगवा सकता है। राकेश ने अपने साले शिव कुमार की नौकरी लगवाने के लिए उससे बात की, जिसके बाद शिव कुमार ने भी विपन को 3 लाख रुपये दे दिए। लेकिन जब दोनों में से किसी का भी अपॉइंटमेंट लेटर नहीं मिला तो राकेश विपन से रोज इस संबंध में पूछने लगा। 18 मई को विपन उसे 12 जनपथ स्थित रामविलास पासवान के आवास पर ले गया जहां उसने अरूण पासवान कामेश्वर से राकेश की मुलाकात कराई। कामेश्वर ने राकेश से कहा कि विपन इसी कोठी में तैनात है और 20-25 दिन में दोनों के अपॉइंटमेंट लेटर आ जाएंगे।
कुछ दिनों बाद विपन इलाके से गायब हो गया। उसका फोन नंबर भी स्विच ऑफ आने लगा। कई जगह पूछताछ करने पर भी जब उसका पता नहीं चला तो राकेश अपने जानकार के साथ 12 जनपथ पहुंचा और विपन व कामेश्वर के बारे में पूछताछ की। वहां उसकी मुलाकात कुछ लोगों से हुई, जिन्होंने बताया कि कामेश्वर और विपन यहां नहीं रहते, अगर यहां आएंगे तो इसकी जानकारी वह उसे दे देंगे। राकेश ने वहां काफी शोर भी मचाया। 17 सितंबर को राकेश ने साउथ एवेन्यू थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवायी कि उसके साथ 11 लाख रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर ली है।
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