नई दिल्ली
राजधानी के समयपुर बादली में दो मासूम बेटियों को घुटन भरे कमरे में मुर्दा हाल छोड़कर गए पिता को शनिवार को पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने रोंगटे खड़े कर देने वाला खुलासा किया। उसने रक्षाबंधन के दिन अपने इकलौते ढाई साल के बेटे को जिंदा मुनक नहर में फेंक दिया था, जिसका शव उसी शाम हैदरपुर प्लांट के जाल से पुलिस ने निकाला।
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बच्चे का शव इतनी खराब हालत में था कि शिनाख्त नहीं हो सकी। शनिवार को आरोपी पिता के पकड़े जाने के बाद बच्चे की पहचान हुई। पुलिस ने दूसरी धाराओं के साथ हत्या का केस दर्ज कर आरोपी को तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है। हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स में शुक्रवार को यह खबर प्रकाशित होने के बाद दोनों बहनों का मामला सुर्खियों में छा गया।
पढ़ें: दर्दनाकः बेटियों को मरने के लिए छोड़ गए मां-बाप
उधर, करीब 10 दिन से छिपते घूम रहे आरोपी पिता बंटी को मीडिया में चल रहे इस मसले की भनक लग गई। शुक्रवार रात वह छिपते-छिपाते शिव मंदिर के पास राधा विहार, नेपाली कॉलोनी अपने कमरे पर पहुंचा। उसे पड़ोसियों से पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है। वह रात में ही भाग गया, लेकिन पुलिस को भनक लग गई। जब तक पुलिस टीम वहां पहुंची, आरोपी भाग चुका था। इसके बाद शनिवार सुबह बादली इंडस्ट्रियल एरिया के गेट नंबर 4 के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
पत्नी से था परेशान
तीन दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस ने तहकीकात शुरू की। पहले तो उसने पुलिस को खूब गुमराह किया, लेकिन सख्ती करने पर उसने बताया कि वह अपने ढाई साल के बेटे को जिंदा हाल में मुनक नहर में फेंक चुका है। वह अपनी पत्नी के चले जाने से परेशान था। वह बेटे को साथ ले गई थी, लेकिन एक दिन वह उसे भी छोड़ गई।
शराब का आदि है आरोपी पिता
पुलिस के मुताबिक आरोपी शराब के नशे में रहता था। घर में बच्चे भूखे-प्यासे रहते थे और गंदगी की वजह से बीमारियों की चपेट में आ गए थे। जिस हालत में दोनों बच्चियां कमरे से मिलीं, उससे भी ज्यादा खराब हालत बेटे की हो चुकी थी। उसके पूरे शरीर में फंगस फैल चुका था। जगह-जगह फोड़े निकल आए थे और उनमें कीड़े पड़ चुके थे। 18 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन आरोपी बंटी को किसी ने थोड़ी-सी मिठाई दी। उस मिठाई को उसने बच्चियों को दे दिया। उसने बाहर से दरवाजे की कुंडी लगाई और दवा दिलाने की बात कहकर बेटे को लेकर चल दिया।
आरोपी पिता बंटी ने इसके बाद मुनक नहर पहुंचा और बेटे को नहर में फेंक दिया। उसी दिन शाम को हैदरपुर प्लांट के लोहे के जाल में बच्चे की डेडबॉडी फंसी हुई मिली, जिसे पुलिस ने बाहर निकाला। बच्चे की शिनाख्त न हो पाने के कारण शव को बीजेआरएम की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया था।
राजधानी के समयपुर बादली में दो मासूम बेटियों को घुटन भरे कमरे में मुर्दा हाल छोड़कर गए पिता को शनिवार को पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने रोंगटे खड़े कर देने वाला खुलासा किया। उसने रक्षाबंधन के दिन अपने इकलौते ढाई साल के बेटे को जिंदा मुनक नहर में फेंक दिया था, जिसका शव उसी शाम हैदरपुर प्लांट के जाल से पुलिस ने निकाला।
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बच्चे का शव इतनी खराब हालत में था कि शिनाख्त नहीं हो सकी। शनिवार को आरोपी पिता के पकड़े जाने के बाद बच्चे की पहचान हुई। पुलिस ने दूसरी धाराओं के साथ हत्या का केस दर्ज कर आरोपी को तीन दिन की रिमांड पर ले लिया है। हमारे सहयोगी अखबार नवभारत टाइम्स में शुक्रवार को यह खबर प्रकाशित होने के बाद दोनों बहनों का मामला सुर्खियों में छा गया।
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उधर, करीब 10 दिन से छिपते घूम रहे आरोपी पिता बंटी को मीडिया में चल रहे इस मसले की भनक लग गई। शुक्रवार रात वह छिपते-छिपाते शिव मंदिर के पास राधा विहार, नेपाली कॉलोनी अपने कमरे पर पहुंचा। उसे पड़ोसियों से पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है। वह रात में ही भाग गया, लेकिन पुलिस को भनक लग गई। जब तक पुलिस टीम वहां पहुंची, आरोपी भाग चुका था। इसके बाद शनिवार सुबह बादली इंडस्ट्रियल एरिया के गेट नंबर 4 के पास से आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
पत्नी से था परेशान
तीन दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस ने तहकीकात शुरू की। पहले तो उसने पुलिस को खूब गुमराह किया, लेकिन सख्ती करने पर उसने बताया कि वह अपने ढाई साल के बेटे को जिंदा हाल में मुनक नहर में फेंक चुका है। वह अपनी पत्नी के चले जाने से परेशान था। वह बेटे को साथ ले गई थी, लेकिन एक दिन वह उसे भी छोड़ गई।
शराब का आदि है आरोपी पिता
पुलिस के मुताबिक आरोपी शराब के नशे में रहता था। घर में बच्चे भूखे-प्यासे रहते थे और गंदगी की वजह से बीमारियों की चपेट में आ गए थे। जिस हालत में दोनों बच्चियां कमरे से मिलीं, उससे भी ज्यादा खराब हालत बेटे की हो चुकी थी। उसके पूरे शरीर में फंगस फैल चुका था। जगह-जगह फोड़े निकल आए थे और उनमें कीड़े पड़ चुके थे। 18 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन आरोपी बंटी को किसी ने थोड़ी-सी मिठाई दी। उस मिठाई को उसने बच्चियों को दे दिया। उसने बाहर से दरवाजे की कुंडी लगाई और दवा दिलाने की बात कहकर बेटे को लेकर चल दिया।
आरोपी पिता बंटी ने इसके बाद मुनक नहर पहुंचा और बेटे को नहर में फेंक दिया। उसी दिन शाम को हैदरपुर प्लांट के लोहे के जाल में बच्चे की डेडबॉडी फंसी हुई मिली, जिसे पुलिस ने बाहर निकाला। बच्चे की शिनाख्त न हो पाने के कारण शव को बीजेआरएम की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया था।
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