Tuesday, August 30, 2016

भारत-अमेरिकी लॉजिस्टिक्स समझौता है लेकिन सैन्य अड्डे बनाने का नहींः पर्रिकर

भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच साजो-सामान से जुड़े सहयोग को सुगम बनाने के लिए किए गए लॉजिस्टिक्स समझौते के बारे में भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एश्टन कार्टर ने कहा है कि यह रक्षा समझौता सैन्य अड्डे स्थापित करने के लिए नहीं है।

पर्रिकर और कार्टर दरअसल मंगलवार को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित ‘लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ (एलईएमओए) के बारे में बता रहे थे। दोनों देशों के बीच एक दशक से ज़्यादा समय तक चर्चा चलने के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।

पेंटागन में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। इसके बाद कार्टर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मनोहर पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, “भारत में किसी भी सैन्य अड्डे को स्थापित करने या इस तरह की किसी गतिविधि का कोई प्रावधान नहीं है।

एलईएमओए भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच प्रतिपूर्ति के आधार पर साजो-सामान संबंधी सहयोग, आपूर्ति और सेवाओं का प्रावधान करता है। यह इनके संचालन की रूपरेखा उपलब्ध कराता है. समझौते में भोजन, पानी, घर, परिवहन, पेट्रोल, तेल, कपड़े, चिकित्सा सेवाएं, कलपुर्जे, मरम्मत एवं रखरखाव की सेवाएं, प्रशिक्षण सेवाएं और अन्य साजो-सामान संबंधी वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल हैं।

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