Sunday, August 28, 2016

पंजाब चुनाव तक कोई विवाद नहीं चाहती AAP!

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के चार बागी सांसद पिछले एक महीने से ज्यादा समय से पार्टी के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। हालांकि, केजरीवाल और पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले एक और मोर्चे को हवा देने से बचने की खातिर उन्हें बर्खास्त नहीं करने का फैसला नहीं है। आप सूत्रों ने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई ना करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इससे एक और मुद्दे का जन्म होगा। इसका मतलब है कि पार्टी की ऊर्जा उसके अभियान से हटकर दूसरी तरफ लगानी पड़ेगी।

पार्टी पूर्व में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण जैसे बागी नेताओं को निकाल चुकी है। सांसदों को निकालने का मतलब होगा कि उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के दायरे से छुटकारा मिल जाएगा। आप सांसद भगवंत मान संसद परिसर का विडियो बनाने और उसका सीधा प्रसारण करने के लिए विवादों में रहे हैं। उन पर निलंबित आप सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने सदन में शराब पीकर आने का भी आरोप लगाया है, जिसने पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा की। मान ने शराब पीकर संसद आने के आरोप से इनकार किया है।

पटियाला के निलंबित आप सांसद धर्मवीर गांधी ने ऐसे समय में एक वैकल्पिक राजनीतिक मोर्चे के गठन की घोषणा की है। आप अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अकाली दल-बीजेपी गठबंधन से सत्ता छीनने में अपनी उर्जा लगा रही है। दोनों सांसदों को यादव और भूषण को पार्टी से निकालने के लिए आप नेतृत्व की आलोचना करने पर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। गांधी ने कहा, 'मैं पार्टी से क्यों इस्तीफा दूं। केजरीवाल मुझे पार्टी से निकालें। एक सांसद के तौर पर मेरा अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति उत्तरदायित्व है।'

दिल्ली में पार्टी एक अजीब स्थिति का सामना कर रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बर्खास्त किए गए पूर्व मंत्री असीम अहमद खान ने दावा किया है कि उनके और उनके परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के कुछ दूसरे नेताओं ने जान से मारने की धमकी दी हैं। एक दूसरे मामले में तिमारपुर के आप विधायक पंकज पुष्कर ने दिल्ली विधानसभा को गुमराह करने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस पेश किया था।

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