पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े 28 मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया है और इन सभी मामलों की जांच एसआईटी करेगी। इन मामलों के कई पहलुओं पर गौर करने के बाद यह फैसला किया गया। ये मामले या तो बंद हो चुके हैं और या फिर सबूत के अभाव की वजह से इनमें आगे प्रगति नहीं हो सकी।
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित गंभीर आपराधिक मामलों की उचित ढंग से जांच के लिए गृह मंत्रालय की ओर से गठित एसआईटी ने 28 और मामलों को चिन्हित किया है, जिनकी आगे जांच की जरूरत है।
इसके साथ उन मामलों की संख्या 77 हो गई है, जिनकी जांच एसआईटी कर रही है. दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में कुल 650 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 49 मामलों की नए सिरे से जांच के संदर्भ पहचान एसआईटी ने बीते 29 जुलाई की थी।
एसआईटी तीन सदस्यीय है, जिनमें दो महानिरीक्षक स्तर के आईपीएस अधिकारी और एक न्यायिक अधिकारी शामिल हैं। पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाला है और 1984 का सिख विरोधी दंगा चुनाव में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा रहा है।
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