Saturday, July 30, 2016

Live मन की बात का 22वां संस्‍करण, पीएम मोदी बोले-गर्भावस्‍था में माता की मौत चिंता का विषय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कर रहे हैं। यह मन की बात का 22वां संस्‍करण हैं। इससे पहले उन्‍होंने 26 जून को मन की बात की थी। इसमें उन्‍होंने इसरो द्वारा अंतरिक्ष में उपग्रह छोड़ने, महिला फाइटरों के वायुसेना में शामिल होने, योग दिवस को लेकर बात की थी। साथ ही टैक्‍स चोरी करने वालों को चेताया कि 30 सितंबर वे अपनी आय का खुलासा कर दे। इमरजेंसी की बरसी के मौके पर उन्‍होंने कहा कि आज कभी-कभी मन की बात का मजाक उड़ाया जाता है। 26 जून 1975 को भारत में लोकतंत्र के लिए काली रात थी। रेडियो और अखबारों पर लगाम लगा दी गई। लोकतांत्रिक शक्ति का एहसास बार-बार होना चाहिए। लोकतंत्र का मतलब है जन भागीदारी। सरकारों को जनता से जुड़ना चाहिए।

दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ की तरह जनता से बात करना शुरू किया है। उन्‍होंने पिछले रविवार को ‘टॉक टू AK’ के जरिए जनता के सवाल सुने और उनका जवाब दिया।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें:

आने वाले दिन देश के हर नौजवान को खेलों में रंग में रंग देगा। रियो हमारे कानों में गूंज रहा है।

दिल्‍ली में भारत सरकार ने रन फॉर रियो, खेलों और खिलो का बड़ा अच्‍छा आयोजन किया। खेलों के प्रोत्‍साहन के लिए ऐसा जरूरी।

खिला‍ड़ी रातों रात नहीं बनते, कड़ी तपस्‍या से बनते हैं

आपके संदेश खिलाडि़यों तक पहुंचाने के लिए मैं पोस्‍टमैन बनने को तैयार हूं। नरेंद्र मोदी एप के जरिए अपने मैसेज भेजिए।

पीएम मोदी ने एक व्‍यक्ति की कविता पढ़ी। इसमें खिलाडि़यों का हौंसला बढ़ाने की बात कही गई।

पूर्व राष्‍ट्रपति कलाम को श्रद्धांजलि दी। जब हम डॉ. कलाम को याद करते हैं तो हम विज्ञान, तकनीक के बारे में सोचते हैं।

टेक्‍नोलॉजी के लिए सरकार समर्पित है। टेक्‍नोलोजी के लिए रिसर्च जरूरी। रिसर्च के बिना हम अधूरे रह जाएंगे।

हर दिन टेक्‍नोलोजी बदलती है। आप इसे पकड़ नहीं सकते। यह बदलती रहती है। रिसर्च और इनोवेशन जरूरी है।

भारत अनेक समस्‍याओं से जूझ रहा है इनके समाधान के लिए तकनीक का सहारा लेना होगा। समस्‍या निदान के लिए तकनीक जरूरी।

Let us AIM to innovate, जब मैं इसकी बात करता हूं तो मैं अटल इनोवेशन मिशन की बात करता हूं।

कुछ समय पहले हम अकाल की बात कर रहे थे लेकिन अभी हम बारिश का आनंद ले रहे हैं। लेकिन कई जगहों से बाढ़ की खबरें भी आ रही हैं।

बाढ़ से काफी तबाही मचती ह। पानी इकट्ठा होने से डेंगू होता है। इससे बचा जा सकता है। विज्ञापन देखकर जागरुक होना चाहिए। अपने इलाके में सफाई पर ध्‍यान दें।

आपाधापी भरे जीवन में हम जल्‍द से जल्‍द ठीक होने के लिए एंटी बायोटिक्‍स का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। बिना जरूरत के एंटी बायोटिक्‍स ना लें।

बिना डॉक्‍टर की सलाह के एंटी बायोटिक्‍स ना लें। साथ ही जब तक डॉक्‍टर कहें तब तक यह दवाएं लें। इन्‍हें बीच में छोड़ देने से जीवाणुओं को फायदा होता है। बाद में ये दवाएं उन पर काम ही नहीं करती है।

शॉर्ट कट से बचें। दवा ज्‍यादा या कम लेने से हानि होती है। दवा का कोर्स ह‍मेशा पूरे करें।

देश में गर्भावस्‍था के दौरान माताओं की मौत चिंता की वज‍ह। माता की असमय मृत्‍यु में कमी आई है। लेकिन आज भी ऐसा हो रहा है तो दुखद है।

माताओं के स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर हम चिंतित हैं। हर महीने की नौ तारीख को निशुल्‍क जांच की जाएगी। यह जांच सरकारी अस्‍पतालों में होगी। इससे समय से पहले ही बीमारी का पता लगाया जा सकेगा।

गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में इलाज किया जाएगा। मैंने इसके लिए डॉक्‍टरों से बात की है। कई डॉक्‍टर मुफ्त इलाज के लिए तैयार है।

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