Sunday, July 3, 2016

JNU: वार्डन पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाने वाली छात्रा के निष्कासन पर कोर्ट ने लगाई रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू की उस छात्रा के निष्कासन पर रोक लगा दी है जिसने एक छात्रावास के वार्डन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय ने निर्णय लेते हुए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने छात्रा को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित करने के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय :जेएनयू: के 30 मई के निर्णय पर यह करते हुए रोक लगा दी कि विश्वविद्यालय ने उसे कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया।

ऐसा प्रतीत होता है कि आदेश एक जांच किये बिना ही पारित किया गया। अदालत ने साथ ही विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया और उस छात्रा की अर्जी पर उससे जवाब मांगा जिसे यौन उत्पीड़न के खिलाफ लिंग संवेदीकरण समिति :जीएससीएएसएच: की एक रिपोर्ट के आधार पर एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया गया था। समिति ने कहा था कि लड़की ने वार्डन के खिलाफ झूठी शिकायत की थी।

 


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