नई दिल्ली
नैशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने रेलवे को पटरियों और प्लैटफॉर्म्स को गंदा करने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, रेलवे ट्रैक्स के आसपास झुग्गियों के साथ-साथ पक्की इमारतें बनी हैं। आप उन्हें पटरियों पर गंदगी फेंकने की इजाजत क्यों देते हैं? आप क्यों किसी एक भी इमारत में रहने वालों को यहां गंदगी डालने से नहीं रोक पाए? नई दिल्ली स्टेशन से सब्जी मंडी स्टेशन के बीच ही कई बिल्डिंग हैं, जहां से पटरियों पर कचरा फेंका जाता है। आप उन्हें रोकते क्यों नहीं? यदि आपने सख्ती के साथ उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया होता, तो वे ऐसी हरकत करने की जुर्रत नहीं करते।
ट्रिब्युनल ने रेलवे को उन लोगों की लिस्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है, जिन्हें अभी तक पटरियों पर कचरा फेंकते और गंदगी फैलाते हुए पकड़ा गया है। रेलवे की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने बेंच को भरोसा दिलाया कि पटरियों की सफाई का काम लगातार चल रहा है और नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
ट्रिब्युनल ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) को रेलवे ट्रैक्स के पास बसी झुग्गी बस्तियों को रीलोकेट और रिहैबिलिटेट करने में देरी के लिए फटकार लगाई। डीयूएसआईबी के वकील ने बेंच को बताया कि झुग्गी बस्तियों के सर्वे का काम चल रहा है और फ्लैटों में शिफ्ट किए जाने वाले स्लम की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी।
नैशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने रेलवे को पटरियों और प्लैटफॉर्म्स को गंदा करने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, रेलवे ट्रैक्स के आसपास झुग्गियों के साथ-साथ पक्की इमारतें बनी हैं। आप उन्हें पटरियों पर गंदगी फेंकने की इजाजत क्यों देते हैं? आप क्यों किसी एक भी इमारत में रहने वालों को यहां गंदगी डालने से नहीं रोक पाए? नई दिल्ली स्टेशन से सब्जी मंडी स्टेशन के बीच ही कई बिल्डिंग हैं, जहां से पटरियों पर कचरा फेंका जाता है। आप उन्हें रोकते क्यों नहीं? यदि आपने सख्ती के साथ उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया होता, तो वे ऐसी हरकत करने की जुर्रत नहीं करते।
ट्रिब्युनल ने रेलवे को उन लोगों की लिस्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है, जिन्हें अभी तक पटरियों पर कचरा फेंकते और गंदगी फैलाते हुए पकड़ा गया है। रेलवे की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने बेंच को भरोसा दिलाया कि पटरियों की सफाई का काम लगातार चल रहा है और नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
ट्रिब्युनल ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) को रेलवे ट्रैक्स के पास बसी झुग्गी बस्तियों को रीलोकेट और रिहैबिलिटेट करने में देरी के लिए फटकार लगाई। डीयूएसआईबी के वकील ने बेंच को बताया कि झुग्गी बस्तियों के सर्वे का काम चल रहा है और फ्लैटों में शिफ्ट किए जाने वाले स्लम की जल्द ही पहचान कर ली जाएगी।
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