Tuesday, July 5, 2016

दिल्ली: पानी मीटर खरीद घोटाला, शीला दीक्षित को एसीबी का नोटिस

भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपनी पिछली 49 दिनों की सरकार के दौरान 2014 में पानी के मीटर खरीद घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आप सरकार ने एसीबी के पास मामला भेजते हुए आरोप लगाए थे कि शीला सरकार में जलबोर्ड में अनियमितताओं के कारण सरकारी राजस्व को 341 करोड़ का नुकसान हुआ था। मंगलवार (5 जुलाई) को मामले में शीला दीक्षित को दो नोटिस भेजे गए हैं। पहले नोटिस में उन्हें पूछताछ प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कहा गया है और दूसरे नोटिस में कहा गया है कि वे सुविधाजनक तारीख और जगह बताएं ताकि पूछताछ की जा सके।

एमके मीणा ने इस बात की पुष्टि की कि दीक्षित को नोटिस भेजा गया है। लेकिन उन्होंने मामले में कुछ और भी जानकारी देने से साफ तौर पर मना कर दिया। दूसरी ओर दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के चार लंबित मामलों की जांच में 2 सालों की अनावश्यक देरी के लिए एसीबी प्रमुख मुकेश मीणा और उपराज्यपाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने की अनुशंसा की है। जल एवं पर्यटन मंत्री ने इस संबंध में उपराज्यपाल नजीब जंग को एक पत्र लिख कर उचित निर्देश देने कहा है।

मंगलवार (5 जुलाई) को कपिल मिश्रा ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर ब्योरा दिया कि पूर्व की शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ चार एफआइआर का जिक्र किया है और कहा है कि इन मामलों की जांच में दो साल का विलंब हो चुका है। मिश्रा ने पत्र में कहा है कि एसीबी ने वाटर टैंकर घोटाले मामले में दर्ज एफआइआर में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता द्वारा सरकार पर लगाए गए देरी के आरोप को भी शामिल कर आधार बनाया है तो फिर उसी तरह से उपर्युक्त चार मामलों में देरी को आधार बनाकर एसीबी प्रमुख और उपराज्यपाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज क्यों नहीं की जानी चाहिए। मिश्रा ने कहा कि चूंकि एसीबी प्रमुख, उपराज्यपाल को रिपोर्ट करते हैं इसलिए उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

कपिल मिश्रा ने पत्र में कहा है कि एक ही देश में अलग-अलग कानून नहीं हो सकता है। एसीबी ने 20 जून को पूर्व की शीला दीक्षित सरकार और वर्तमान अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ 400 करोड़ रुपए के कथित वाटर टैंकर घोटाले में एफआइआर दर्ज किया था। आप सरकार ने एलजी नजीब जंग को घोटाले की जांच के लिए गठित फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट भेजी थी। साथ ही दिल्ली भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी जंग के पास शिकायत दर्ज की थी जिसमें केजरीवाल पर कमिटि की रिपोर्ट को दबाने और देरी के आरोप लगाए गए थे। एलजी ने रिपोर्ट और गुप्ता की शिकायत दोनों एसीबी को भेज दिया था।

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