नई दिल्ली
गुरुवार को जब सांसद और मंत्री अपने काम में जुटे हुए थे, एक बंदर संसद में पहुंच गया। बंदर संसद भवन की लाइब्रेरी में था जोकि सेन्ट्रल हॉल के पास है। इसके बाद वह पत्रकारों और सांसदो के लिए बने रीडिंग रूम में भी चला गया। वहां उसने तकरीबन आधे घंटे बिताए।
रीडिंग रूम में वक्त गुजारने के बाद बंदर गैलरी एरिया में लगी मेजों पर उछलकूद मचाने लगा और बिजली के तार पर चढ़ गया था। इसके बाद वह तकरीबन आधे घंटे तक लाइब्रेरी से बाहर निकलने की कोशिश करता रहा लेकिन कोई एग्जिट ढूंढने में नाकाम रहा। फिर यह मेन डोर से निकली और कॉरिडोर की हरी कॉरपेट पर चलते हुए बिल्डिंग में वीआईपीज के लिए बने मेन गेट से बाहर निकल गया।
सिक्यॉरिटी स्टाफ ने बंदर को देखकर सेंट्रल हॉल का दरवाजा तुरंत बंद किया ताकि वह वहां न पहुंच जाएं जहां सांसद, मंत्री और पत्रकार मौजूद थे। जब वह लाइब्रेरी में घुस गया तो लाइब्रेरी स्टाफ असहाय से होकर पार्ल्यामेंट्र सिक्यॉरिटी को बुलाने की असफल कोशिश करता रहा। इससे पहले संसद में बंदरों के आतंक की वजह से कुछ लंगूरों को छोड़ा गया था। लेकिन गुरुवार को कोई लंगूर भी मौजूद नहीं था, इसलिए बंदर को निकाले जाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। बंदरों का आतंक कम होने के बाद इसी जून में लुटियन दिल्ली से लंगूरों को हटाया गया था।
Read this story in English: Monkey spends 30 minutes in Parliament
गुरुवार को जब सांसद और मंत्री अपने काम में जुटे हुए थे, एक बंदर संसद में पहुंच गया। बंदर संसद भवन की लाइब्रेरी में था जोकि सेन्ट्रल हॉल के पास है। इसके बाद वह पत्रकारों और सांसदो के लिए बने रीडिंग रूम में भी चला गया। वहां उसने तकरीबन आधे घंटे बिताए।
रीडिंग रूम में वक्त गुजारने के बाद बंदर गैलरी एरिया में लगी मेजों पर उछलकूद मचाने लगा और बिजली के तार पर चढ़ गया था। इसके बाद वह तकरीबन आधे घंटे तक लाइब्रेरी से बाहर निकलने की कोशिश करता रहा लेकिन कोई एग्जिट ढूंढने में नाकाम रहा। फिर यह मेन डोर से निकली और कॉरिडोर की हरी कॉरपेट पर चलते हुए बिल्डिंग में वीआईपीज के लिए बने मेन गेट से बाहर निकल गया।
सिक्यॉरिटी स्टाफ ने बंदर को देखकर सेंट्रल हॉल का दरवाजा तुरंत बंद किया ताकि वह वहां न पहुंच जाएं जहां सांसद, मंत्री और पत्रकार मौजूद थे। जब वह लाइब्रेरी में घुस गया तो लाइब्रेरी स्टाफ असहाय से होकर पार्ल्यामेंट्र सिक्यॉरिटी को बुलाने की असफल कोशिश करता रहा। इससे पहले संसद में बंदरों के आतंक की वजह से कुछ लंगूरों को छोड़ा गया था। लेकिन गुरुवार को कोई लंगूर भी मौजूद नहीं था, इसलिए बंदर को निकाले जाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। बंदरों का आतंक कम होने के बाद इसी जून में लुटियन दिल्ली से लंगूरों को हटाया गया था।
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