Sunday, July 3, 2016

पकड़े गए 'ऑन डिमांड' कार चुराने वाले चोर

नई दिल्ली दो अपराधियों को गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच ने कार चोरी करने वाले वॉन्टेड गिरोह का पता लगाया है। इस गिरोह ने पिछले एक साल के दौरान राजधानी में 50 कारों पर हाथ साफ किया। आरोपी ज्यादातर एसयूवी को निशाना बनाते थे और उत्तरपूर्वी दिल्ली और उत्तरप्रदेश के खरीदारों को चोरी की गाड़ियां बेच देते थे। खास बात यह है कि यह गिरोह 'ऑन डिमांड' चोरी करता था।

आरोपियों में से एक सतविंदर नाम का शख्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट है। लाजपत नगर में उसका फटॉग्रफी का स्टूडियो है लेकिन आसानी से पैसा कमाने के लिए वह कार चोरी के धंधे में आ गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की 5 गाड़ियां और देसी पिस्तौल बरामद कीं।

गुरबख्श सिंह और सतविंदर नाम के आरोपियों को पुलिस ने द्वारका सेक्टर 18 से पकड़ा, जहां वे एक लूट को अंजाम देने के लिए पहुंचे थे। जॉइंट कमिश्नर(क्राइम) रवींद्र यादव ने बताया, 'डीसीपी भीष्म सिंह और एसीपी संजय सेहरावत की टीम ने आरोपियों को पकड़ा।' कारें लाजपत मगर और राजौरी गार्डन इलाकों से चुराई गईं थीं।

पूछताछ में आरोपी गुरब्क्श सिंह ने बताया कि वह साल कनॉट प्लेस से बाइक चुराने पर 2006 में वह पहली बार पकड़ा गया था। उसने बताया, खान और मुकेश नाम के दो लोग उसे गाड़ियां चुराने के धंधे में लाए थे, खान चोरी की गाड़ियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए यूपी में बेचने का काम करता था।

साल 2014 में सिंह ने पंचकुइयां रोड पर एक ट्रक ड्राइवर को किडनैप कर लाखों रुपए का पान मसाला लूटा, उसके खिलाफ किडनैपिंग और लूट का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस की गिरफ्त में आने से बचने के लिए वह लगातार अपना मोबाइल नंबर और लोकेशन बदल रहा था।

डीसीपी सिंह ने बताया, 'गुरबक्श और सतविंदर, खान की डिमांड पर SUVs पर हाथ साफ करते थे। इन गाड़ियों के मॉडल और हालत को देखते हुए इन्हें 15,000 रुपए से 1 लाख रुपए की कीमत में बेचा जाता था। सतविंदर ने बताया कि उसे हर चोरी की गाड़ी पर 5,000 रुपए मिलते थे।'

आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल चोरी हुई गाड़ियों में से महज 4 फीसदी गाड़ियां वापस मिल सकी हैं।

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