नई दिल्ली, त्रिभुवन शर्मा
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के तीसरे फेज में कई नई टेक्नॉलजी पर काम चल रहा है। ड्राइवरलेस मेट्रो के साथ-साथ कुछ लाइनों का निर्माण भी नई टेक्नॉलजी के साथ किया गया है।
इनमें से एक कालिंदी कुंज डिपो के नजदीक है, जहां जनकपुरी वेस्ट-बॉटैनिकल कॉरिडोर से जोड़ते हुए जसोला विहार के पास एक ऐसे पुल का निर्माण भी है, जिस पर मेट्रो के आराम करने की जगह होगी। रात में डिपो की बजाय यहां काफी ऊंचाई पर मेट्रो खड़ी होंगी।
दरअसल, कालिंदी कुंज में बनाए जा रहे डिपो में स्पेस कम है। इसे ध्यान में रखते हुए मेट्रो विभाग ने जसोला विहार में नाले के नजदीक एक स्टेबलिंग यार्ड तैयार किया है।
इस स्टेबलिंग यार्ड पर एक साथ 27 मेट्रो खड़ी हो सकती हैं। इसका फायदा विभाग को ऐसे होगा कि डिपो का स्पेस पूरा होने के बाद मेट्रो को यहां भी खड़ा किया जा सकेगा। हालांकि, मेट्रो की मेंटिनेंस और बाकी सभी तकनीकी उपचार डिपो के अंदर ही होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह स्पेस जमीन से लगभग 14 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है, जिसकी चौड़ाई लगभग 30 से 40 मीटर है। इसे लाइन से जोड़ते हुए बनाया गया है, जो कालिंदी कुंज डिपो से पहले है।
मिली जानकारी के मुताबिक, डीएमआरसी की ओर से तैयार किए गए सभी कॉरिडोर पर यह पहला ऐसा पॉइंट है, जहां मेट्रो खड़ी करने के लिए कुछ इस तरह से स्टेबलिंग यार्ड का निर्माण किया गया है।
दरअसल, कालिंदी कुंज डिपो में 21 ट्रैक बिछाए गए हैं, जिसमें जनकपुरी वेस्ट-बॉटैनिकल गार्डन कॉरिडोर पर चलने वाली मेट्रो का बोझ संभालना मुश्किल है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के तीसरे फेज में कई नई टेक्नॉलजी पर काम चल रहा है। ड्राइवरलेस मेट्रो के साथ-साथ कुछ लाइनों का निर्माण भी नई टेक्नॉलजी के साथ किया गया है।
इनमें से एक कालिंदी कुंज डिपो के नजदीक है, जहां जनकपुरी वेस्ट-बॉटैनिकल कॉरिडोर से जोड़ते हुए जसोला विहार के पास एक ऐसे पुल का निर्माण भी है, जिस पर मेट्रो के आराम करने की जगह होगी। रात में डिपो की बजाय यहां काफी ऊंचाई पर मेट्रो खड़ी होंगी।
दरअसल, कालिंदी कुंज में बनाए जा रहे डिपो में स्पेस कम है। इसे ध्यान में रखते हुए मेट्रो विभाग ने जसोला विहार में नाले के नजदीक एक स्टेबलिंग यार्ड तैयार किया है।
इस स्टेबलिंग यार्ड पर एक साथ 27 मेट्रो खड़ी हो सकती हैं। इसका फायदा विभाग को ऐसे होगा कि डिपो का स्पेस पूरा होने के बाद मेट्रो को यहां भी खड़ा किया जा सकेगा। हालांकि, मेट्रो की मेंटिनेंस और बाकी सभी तकनीकी उपचार डिपो के अंदर ही होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह स्पेस जमीन से लगभग 14 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है, जिसकी चौड़ाई लगभग 30 से 40 मीटर है। इसे लाइन से जोड़ते हुए बनाया गया है, जो कालिंदी कुंज डिपो से पहले है।
मिली जानकारी के मुताबिक, डीएमआरसी की ओर से तैयार किए गए सभी कॉरिडोर पर यह पहला ऐसा पॉइंट है, जहां मेट्रो खड़ी करने के लिए कुछ इस तरह से स्टेबलिंग यार्ड का निर्माण किया गया है।
दरअसल, कालिंदी कुंज डिपो में 21 ट्रैक बिछाए गए हैं, जिसमें जनकपुरी वेस्ट-बॉटैनिकल गार्डन कॉरिडोर पर चलने वाली मेट्रो का बोझ संभालना मुश्किल है।
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