Monday, July 4, 2016

कर्मचारियों को मिलेंगे 26 हजार नए फ्लैट्स

दीपक दाश, नई दिल्ली
केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए देश की अबतक की सबसे बड़ी हाउसिंग योजना को लागू करने जा रही है। इस प्रॉजेक्ट में सात कॉलोनियों के रीडिवेलपमेंट के अलावा 8 लाख स्क्वॉयर मीटर कमर्शल स्पेस का भी सृजन किया जाना शामिल है। इन कॉलोनियों में नैरोजी नगर, नेताजी नगर, सरोजनी नगर और मोहम्मदपुर जैसे नाम शामिल हैं।

इस पूरे प्रॉजेक्ट पर 30 हजार करोड़ का खर्च आने वाला है और इसके 2022 तक पूरा होने की संभावना है। फिलहाल साउथ दिल्ली की 7 रेजिडेंशियल कॉलोनियों में 13 हजार फ्लैट्स हैं। बड़ी कॉलोनियों में नैरोजी नगर, नेताजी नगर और सरोजनी नगर का रीडिवेलपमेंट नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जाएगा।

दूसरी चार कॉलोनियों कस्तूरबा नगर, त्यागराज नगर, श्रीनिवासपुरी और मोहम्मदपुर का रीडिवेलपमेंट सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि नैरोजी नगर में बड़ा कमर्शल स्पेस डिवेलप किया जाएगा।

एक अधिकारी ने बताया कि कमर्शल स्पेस को लीज पर देकर प्रॉजेक्ट की कॉस्ट का एक बड़ा हिस्सा वसूल किया जाएगा। इससे 20 हजार करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रॉजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होने वाले फ्लैट के तौर पर होगा।

अधिकारी ने बताया कि सारे फ्लैट्स टाइप 2 और टाइप 6 के होंगे। इसमें क्लास 4 से लेकर अडिशनल सेक्रटरीज तक को घर मिलेगा। रिंग रोड के साथ वाली कॉलोनियों को मल्टी स्टोरी क्वार्टर के तौर पर रीडिवेलप किया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछ रेजिडेंशियल ब्लॉक 10-12 मंजिला हो सकते हैं। कॉलोनियों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर बनाया जाएगा।

दिल्ली में अभी करीब 30 सरकारी कॉलोनियों हैं। इन्हें 1950 और 60 के दशक में बनाया गया है। जैसे-जैसे सरकारी कर्मचारियों की तरफ से आवास की मांग बढ़ रही है, इनको रीडिवेलप करने की जरूरत तेज होती जा रही है। अनुमान के मुताबिक अभी केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए 91 हजार फ्लैट्स की जरूरत है जबकि 62 हजार फ्लैट्स उपलब्ध हैं।

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