Wednesday, June 29, 2016

दिल्ली-एनसीआर में हट सकता है डीज़ल वाहनों से बैन, सुप्रीम कोर्ट में 4 जुलाई को अगली सुनवाई

उच्चतम न्यायालय डीजल कार खरीदने वालों ओर वाहन निर्माता कंपनियों को बड़ी राहत दे सकती है। शीर्ष कोर्ट ने बुधवार (29 जून) को अपने एक आदेश में कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000सीसी से ज्यादा वाली क्षमता वाली कारों और एसयूवी की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाने पर विचार कर सकता है। कोर्ट ने इसके साथ ग्रीन सेस भुगतान की भी बात कही है।

मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एके सीकरी और आर. भानुमति ने वाहन निर्माता कंपनी मर्सडीज और टोयोटा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बातें कहीं। वाहन निर्मात कंपनी की ओर से गोपाल सुब्रह्मणियम और गोपाल जैन ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करते हुए कहा कि डीजल वाहनों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए वह कारों के एक्स-शोरूम कीमत का एक प्रतिशत सेस के रूप में जमा करने के लिए तैयार हैं।

शीर्ष कोर्ट ने बड़ी डीजल कार वाहन निर्मात कंपनियों को ताकीद करते हुए कहा, पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले बड़ी डीजल गाड़ियां ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं और यह बात वाहन निर्मात कंपनियों को समझनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने भी डीजल वाहन खरीदने की चाह रखने वालों पर कहा कि उन्हें मालूम होना चाहए कि वे जो वाहन खरीद रहे हैं वह प्रदूषण फैलाने वाला है और इसीलिए उसे ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं।

टोयोटा की ओर से पैरवी कर रहे वकील गोपाल जैन ने कहा, ‘कंपनी अपनी ओर से एक्स-शोरूम कीमत का एक फीसदी सेस के रूप में देने के लिए तैयार है।’ जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि कोर्ट ने अपना अंतिम निर्णय 4 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रख लिया।


Read more: दिल्ली-एनसीआर में हट सकता है डीज़ल वाहनों से बैन, सुप्रीम कोर्ट में 4 जुलाई को अगली सुनवाई