उच्चतम न्यायालय ने आज दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को निर्देश दिया कि यहां रिज क्षेत्र के पास फ्लैट बनाने के लिए एक निविदा के तहत एक बिल्डर द्वारा जमा 450 करोड़ रूपये से अधिक राशि का वापस भुगतान किया जाए। वन एवं पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह निर्माण कार्य कभी शुरू ही नहीं हो पाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि परियोजना के लिए साफ रास्ता मुहैया नहीं करा पाना डीडीए की नाकामी है जिसके कारण 750 प्रीमियम आवासीय फ्लैट के निर्माण के लिए दक्षिण दिल्ली के रिज क्षेत्र के पास 14 . 3 हेक्टेयर भूमि के विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागेदारी पर प्रस्तावित परियोजना का क्रियान्वयन पूरा नहीं हो सका ।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुड़ और न्यायमूर्ति एनवी रमण की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार किया जिसमें कहा गया था कि अगर बिल्डर को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से परियोजना की अनुमति नहीं मिलती है तो वह उसके द्वारा जमा राशि का वापस भुगतान करने का हकदार है।
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